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गुलशन देवैया ने मनोज बाजपेयी को बताया अपने संघर्ष का असली हीरो!

गुलशन देवैया ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने करियर के संघर्ष और प्रेरणा के स्रोत के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने मनोज बाजपेयी को अपने असली हीरो के रूप में बताया, जो उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि मेहनत और सही निर्णय से बॉलीवुड में सफलता संभव है। गुलशन ने इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और व्यक्तिगत मेहनत पर भी अपने विचार साझा किए। जानें उनके अनुभव और सफलता के लिए उनके विचार क्या हैं।
 
गुलशन देवैया ने मनोज बाजपेयी को बताया अपने संघर्ष का असली हीरो!

गुलशन देवैया का संघर्ष और प्रेरणा




मुंबई, 5 दिसंबर। बॉलीवुड में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं है, विशेषकर उन कलाकारों के लिए जिनके पास कोई बड़ा सहारा या फिल्म इंडस्ट्री में जान-पहचान नहीं होती। ऐसे में अपने बलबूते पर नाम कमाना और दर्शकों का दिल जीतना एक बड़ी चुनौती होती है। गुलशन देवैया ने इस चुनौती को स्वीकार किया और यह साबित किया कि मेहनत, समर्पण और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।


गुलशन ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में अपने करियर और संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया।


उन्होंने कहा, "मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत अभिनेता मनोज बाजपेयी हैं। उनके काम को देखकर मुझे यह विश्वास मिला कि मेहनत और सही निर्णय से बॉलीवुड में कुछ भी संभव है। वह मेरे लिए असली हीरो हैं। जब मुझे लगा कि इंडस्ट्री में केवल डांस और एक्शन करने वाले हीरो बन सकते हैं, तब मनोज बाजपेयी ने यह दिखाया कि असली अभिनय और मेहनत से भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह मेरे लिए सोच बदलने वाला अनुभव था।"


गुलशन ने आगे कहा, "मनोज बाजपेयी ने अपने करियर में हमेशा चुनौतीपूर्ण और विविध भूमिकाएं निभाईं। उनका अभिनय और मेहनत मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। उन्होंने मुझे उस समय उम्मीद दी, जब मैं अपने करियर और भविष्य को लेकर चिंतित था।"


गुलशन देवैया ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड में पहचान बनाई है। इस दौरान उन्होंने इंडस्ट्री में 'इंसाइडर और आउटर' होने की बहस पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "कई लोग अपनी व्यक्तिगत खूबियों और मेहनत को भूलकर केवल दूसरों की सुविधाओं पर ध्यान देते हैं। यह सब बकवास है। शिकायत करने से कुछ नहीं होगा। मेहनत कीजिए और अपने काम पर ध्यान दीजिए। यही सफलता का असली रास्ता है।"


गुलशन ने नेपोटिज्म पर भी अपनी राय दी और कहा कि इस पर बहस करना अनावश्यक है। उन्होंने कहा, "इंडस्ट्री में टिकने के लिए मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति इसके लिए तैयार नहीं है तो उसे कहीं और प्रयास करना चाहिए।"


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