अनिल कपूर: उम्र के बढ़ने के बावजूद क्यों हैं बॉलीवुड के सबसे जोशीले सितारे?
अनिल कपूर की अनोखी यात्रा
मुंबई, 23 दिसंबर। बॉलीवुड में कुछ ऐसे सितारे होते हैं, जिनकी उम्र चाहे कितनी भी हो, वे हमेशा युवा और ऊर्जावान नजर आते हैं। अनिल कपूर ऐसे ही एक कलाकार हैं। उनकी ऊर्जा, फिटनेस, और स्टाइल के साथ-साथ सेट पर उनका मजेदार और झक्कास अंदाज उन्हें दर्शकों का प्रिय बनाता है। चाहे वह गाने की शूटिंग हो या एक्शन सीन, अनिल कपूर अपने सह-कलाकारों और क्रू के साथ मस्ती करना नहीं भूलते।
इसलिए, उनके सेट पर होने वाले मजेदार किस्से हमेशा चर्चा में रहते हैं और लोग उन्हें एक अभिनेता के साथ-साथ एक फनी इंसान के रूप में भी याद करते हैं।
अनिल कपूर का जन्म 24 दिसंबर 1956 को मुंबई में हुआ। वे फिल्म निर्माता सुरेंद्र कपूर और निर्मल कपूर के बेटे हैं। उनके परिवार ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए काफी संघर्ष किया। जब वे मुंबई आए, तो कुछ समय के लिए राज कपूर के गैराज में रहकर अपने करियर की शुरुआत की। आर्थिक तंगी के बावजूद, अनिल ने कभी हार नहीं मानी, और यही संघर्ष उनके करियर की नींव बना।
अनिल ने महज 12 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। 1979 में हिंदी फिल्म 'हमारे-तुम्हारे' में छोटे रोल से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद 1980 में तेलुगू फिल्म 'वामसा वृक्षम' में लीड अभिनेता के रूप में काम किया। 1983 में बॉलीवुड फिल्म 'वो सात दिन' से वह मुख्य अभिनेता बने। अभिनय के साथ-साथ उन्होंने अपनी गायकी का भी हुनर दिखाया और फिल्म 'चमेली की शादी' में टाइटल सॉन्ग गाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
अनिल कपूर का सेट पर मस्ती भरा अंदाज हमेशा चर्चा का विषय रहता है। 'मिस्टर इंडिया' की शूटिंग के दौरान उन्होंने सह-कलाकारों को कई बार डराया। कभी-कभी वह कैमरे के पीछे से मजेदार आवाजें निकालकर हंसी का माहौल बनाते, तो कभी अचानक पीछे से छुपकर किसी को डराते। फिल्म 'राम लखन' के गाने की शूटिंग में अनिल इतने मजाकिया थे कि डांस करते-करते खुद हंसने लगते और पूरा सेट उनकी हंसी में डूब जाता।
उनकी शरारतें केवल सह-कलाकारों तक सीमित नहीं थीं। निर्देशक और क्रू के साथ भी अनिल की मस्ती का कोई मुकाबला नहीं था। 'परिंदा' और 'तेजाब' जैसी फिल्मों के सेट पर वह मजेदार चुटकुले सुनाकर माहौल खुशनुमा कर देते थे। कभी-कभी स्टंट के दौरान मजाक में अपनी भूमिका पर हंसने लगते।
अनिल कपूर ने हिंदी के अलावा तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। 1984 में रिलीज हुई 'मशाल' उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बनी। इसके बाद उन्होंने 'मेरी जंग', 'कर्मा', 'मिस्टर इंडिया', 'तेजाब', 'राम लखन', और 'परिंदा' जैसी हिट फिल्में दीं। 1990 के दशक में भी 'लम्हे', 'लाडला', 'जुदाई', 'दीवाना मस्ताना', 'हम आपके दिल में रहते हैं', और 'बीवी नंबर 1' जैसी कई फिल्में दर्शकों को पसंद आईं।
अनिल कपूर ने अंतरराष्ट्रीय फिल्मों और टीवी सीरीज में भी अपनी पहचान बनाई। डैनी बॉयल की ऑस्कर विजेता फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में उनकी भूमिका को खूब सराहा गया। टीवी सीरीज '24' में उनके काम की भी प्रशंसा हुई। हॉलीवुड फिल्म 'मिशन इम्पॉसिबल-घोस्ट प्रोटोकॉल' में उन्होंने टॉम क्रूज के साथ काम किया।
अनिल कपूर ने अपने करियर में छह फिल्मफेयर और दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। वह अपनी फिटनेस के लिए भी जाने जाते हैं।
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