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स्नेहा उल्लाल: ऐश्वर्या राय की हमशक्ल से संघर्ष की कहानी तक

स्नेहा उल्लाल की कहानी एक संघर्ष और पहचान की यात्रा है। ओमान में जन्मी स्नेहा ने बॉलीवुड में ऐश्वर्या राय की हमशक्ल के रूप में कदम रखा, लेकिन यह टैग उनके लिए एक चुनौती बन गया। साउथ सिनेमा में सफलता पाने के बाद, उन्हें गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें फिल्मों से ब्रेक लेना पड़ा। 2022 में उनकी वापसी ने साबित किया कि उन्होंने खुद को एक स्वतंत्र अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। जानें स्नेहा की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में।
 
स्नेहा उल्लाल: ऐश्वर्या राय की हमशक्ल से संघर्ष की कहानी तक

स्नेहा उल्लाल का सफर




मुंबई, 17 दिसंबर। बॉलीवुड में कई कलाकार आए और चले गए, लेकिन कुछ ऐसे चेहरे होते हैं जो अपनी पहचान के कारण चर्चा में रहते हैं। स्नेहा उल्लाल भी ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं, जिनका नाम सुनते ही सबसे पहले ऐश्वर्या राय की हमशक्ल होने का जिक्र होता है। यह टैग उनके लिए करियर की शुरुआत में एक अवसर बना, लेकिन समय के साथ यही पहचान उनके लिए सबसे बड़ी बाधा बन गई।


स्नेहा की कहानी केवल एक अभिनेत्री बनने की नहीं है, बल्कि उस संघर्ष की भी है, जिसमें उन्हें पहचान तो मिली, लेकिन अपनी शर्तों पर नहीं।


स्नेहा उल्लाल का जन्म 18 दिसंबर 1987 को ओमान में हुआ। उनका बचपन वहीं बीता और प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं हुई। बाद में, वह अपनी मां के साथ मुंबई आ गईं, जहां उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। स्नेहा का परिवार फिल्म इंडस्ट्री से दूर था और खुद उन्होंने कभी अभिनेत्री बनने का सपना नहीं देखा। वह एक साधारण जीवन जी रही थीं, जब उनकी दोस्ती सलमान खान की बहन अर्पिता खान से हुई, जो उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बनी।


अर्पिता के माध्यम से स्नेहा की मुलाकात सलमान खान से हुई, जब उनकी उम्र केवल 17 साल थी। सलमान को स्नेहा का चेहरा पसंद आया, जो ऐश्वर्या राय से मिलता-जुलता था। इसी कारण उन्हें फिल्म 'लकी: नो टाइम फॉर लव' में कास्ट किया गया। यह फिल्म 2005 में रिलीज हुई और स्नेहा रातों-रात सुर्खियों में आ गईं। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन स्नेहा की खूबसूरती और उनकी तुलना ऐश्वर्या राय से होने लगी।


यहीं से वह टैग शुरू हुआ, जिसने स्नेहा को पहचान तो दी, लेकिन उनके काम पर हमेशा भारी पड़ा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह तुलना एक तरह से पीआर रणनीति का हिस्सा थी। लोग उन्हें एक नई अभिनेत्री के रूप में देखने के बजाय दूसरी ऐश्वर्या के रूप में देख रहे थे। स्नेहा ने कई बार कहा है कि वह ऐश्वर्या राय की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं, लेकिन वह अपनी पहचान अपने काम से बनाना चाहती थीं।


'लकी' के बाद, स्नेहा ने 'आर्यन', 'क्लिक', और 'जाने भी दो यारों' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इसके बाद, उन्होंने साउथ सिनेमा की ओर रुख किया, जहां उन्हें असली पहचान मिली। तेलुगु फिल्म 'उल्लासंगा उत्साहंगा' उनके करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई और इसके लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला। बाद में, 'सिंहा' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म ने उन्हें साउथ में एक मजबूत स्थान दिलाया।


हालांकि, स्नेहा का करियर धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा था, तभी उनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ आया। वह ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारी से जूझने लगीं। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह 30-40 मिनट से ज्यादा खड़ी नहीं रह पाती थीं। मजबूरी में उन्हें फिल्मों से लंबा ब्रेक लेना पड़ा। इस दौरान, वह पूरी तरह से लाइमलाइट से दूर रहीं और अपनी सेहत पर ध्यान दिया।


लगभग छह साल बाद, स्नेहा ने 2022 में फिल्म 'लव यू लोकतंत्र' से वापसी की। वह मानती हैं कि ऐश्वर्या राय की हमशक्ल होना उनके करियर की शुरुआत में वरदान था, लेकिन लंबे समय तक वही टैग उनके लिए बोझ बन गया। फिर भी, उन्होंने खुद को साबित किया।


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