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लता मंगेशकर की वजह से बनी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की अमर जोड़ी: जानें उनकी कहानी

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। जानें कैसे लता मंगेशकर की मदद से ये दोनों संगीतकार एक साथ आए और कैसे उन्होंने अपने संगीत से बॉलीवुड पर राज किया। इस लेख में उनकी प्रेरणादायक यात्रा और हिट गानों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
 
लता मंगेशकर की वजह से बनी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की अमर जोड़ी: जानें उनकी कहानी

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल: भारतीय सिनेमा के संगीत के बादशाह




नई दिल्ली, 2 नवंबर। जब भारतीय सिनेमा के सबसे सफल संगीतकारों की जोड़ी की चर्चा होती है, तो लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का नाम सबसे पहले आता है। इस जोड़ी ने अपने संगीत के जादू से लगभग चार दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया।


1964 में रिलीज हुई फिल्म "दोस्ती" ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इस फिल्म के गाने "चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे" और "राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है" आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।


हम लक्ष्मीकांत शांताराम कुडालकर की बात कर रहे हैं, जिनका जन्म 3 नवंबर, 1937 को मुंबई में हुआ। उन्होंने 500 से अधिक फिल्मों में संगीतकार और गीतकार के रूप में काम किया, लेकिन असली पहचान उन्हें प्यारेलाल के साथ काम करने के बाद मिली।


अपने पिता के निधन के बाद, लक्ष्मीकांत को बचपन में ही परिवार का बोझ उठाना पड़ा। उन्होंने पढ़ाई छोड़कर बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू किया और वाद्य यंत्र खरीदने का निर्णय लिया। इसके बाद, उन्होंने 2 साल तक हुसैन अली से संगीत की शिक्षा ली और अपने कौशल को निखारा।


लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल की पहली मुलाकात लता मंगेशकर के माध्यम से हुई। लक्ष्मीकांत ने पहली बार लता जी को कोलाबा के रेडियो क्लब में देखा था, जहां उन्होंने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। लता जी ने उन्हें सुरील कला केंद्र में दाखिला दिलवाया, जो गरीब बच्चों को संगीत सिखाने के लिए जाना जाता था।


इसी केंद्र में लक्ष्मीकांत की पहली मुलाकात प्यारेलाल से हुई। लक्ष्मीकांत ने 12 साल की उम्र से म्यूजिक कंपोज करना शुरू किया, जबकि प्यारेलाल भी 10 साल की उम्र में उनके साथ थे। दोनों ने मिलकर कई हिट गाने बनाए और हिंदी सिनेमा को संगीत की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इस जोड़ी ने लगभग 750 गानों में संगीत दिया और लिरिक्स भी लिखे।


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