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मनोज बाजपेयी की फिल्म 'सत्या' का अनोखा किस्सा: एक रुपये में हुआ था साइनिंग

फिल्म 'सत्या' ने मनोज बाजपेयी के करियर को एक नई दिशा दी। इस फिल्म के लिए उन्हें केवल एक रुपये में साइन किया गया था, जो कि एक दिलचस्प किस्सा है। हंसल मेहता ने इस बारे में खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने मनोज को साइन किया और फिल्म के बाद उनके करियर में क्या बदलाव आए। जानें इस फिल्म की सफलता और मनोज की यात्रा के बारे में और भी दिलचस्प बातें।
 

फिल्म 'सत्या' का महत्व

1998 में आई फिल्म 'सत्या' को राम गोपाल वर्मा ने निर्देशित किया था, जो मुंबई के अंडरवर्ल्ड की सच्चाई को बखूबी दर्शाती है। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने भिकू माथरे का किरदार निभाया था, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। एक विशेष बातचीत में, फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने इस फिल्म के कास्टिंग के बारे में एक दिलचस्प जानकारी साझा की: मनोज को फिल्म के लिए केवल एक रुपये में साइन किया गया था।


हंसल मेहता का खुलासा

हंसल मेहता ने कहा, "मैंने मनोज को उस फिल्म के लिए एक रुपये का साइनिंग अमाउंट दिया था, और यह सब मैंने शराब पीने के बाद किया था। मैंने अनुराग को भी एक रुपये दिए थे, लेकिन सौरभ को कुछ नहीं दिया। अंततः सौरभ ने स्क्रिप्ट लिखी। अनुराग को भी लिखने का मौका मिला था, लेकिन वह सत्या में व्यस्त हो गए थे।"


मनोज बाजपेयी का करियर

एक पुराने इंटरव्यू में, मनोज बाजपेयी ने अपने शुरुआती करियर के बारे में बताया कि जब उन्होंने 'सत्या' साइन की थी, तब वह इंडस्ट्री में स्थिरता नहीं पा सके थे। उन्होंने कहा कि वह छोटे-छोटे रोल्स कर रहे थे और जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे थे। 'सत्या' ने उन्हें न केवल पहचान दिलाई, बल्कि कई अवसर भी प्रदान किए।


फिल्म के बाद का सफर

फिल्म की सफलता ने मनोज को कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं दिलाईं और उन्हें इंडस्ट्री में सम्मान प्राप्त हुआ। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि नई प्रसिद्धि के साथ तालमेल बिठाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। वर्तमान में, मनोज को 'राज और डीके' के नए शो 'द फैमिली मैन' में देखा जाएगा।


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