भाषा की सीमाओं को तोड़ते हुए रानी चटर्जी और नीलम वशिष्ठ ने साझा की कला की परिभाषा
भोजपुरी और हिंदी सिनेमा में रानी चटर्जी और नीलम वशिष्ठ का योगदान
मुंबई, 26 दिसंबर। भोजपुरी सिनेमा के कई सितारे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। इनमें से एक रानी चटर्जी हैं, जो अब नीलम वशिष्ठ के साथ हिंदी धारावाहिकों में कदम रखने जा रही हैं। दोनों ने हाल ही में भाषा और कला के महत्व पर चर्चा की।
रानी चटर्जी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह नीलम वशिष्ठ के साथ नजर आ रही हैं। वीडियो में रानी ने कहा, "एक कलाकार हमेशा कलाकार होता है, चाहे वह किसी भी भाषा में हो। कलाकार को अपनी सीमाओं को तोड़कर नए अनुभवों की खोज करनी चाहिए। कला की कोई भाषा नहीं होती, जैसे भावनाएं भिन्न होती हैं। कभी हंसी होती है, कभी आंसू। कलाकार में विभिन्न प्रकार के किरदार होते हैं। मेरा मानना है कि वे कलाकार सबसे भाग्यशाली होते हैं जिन्हें विभिन्न भाषाओं में काम करने का अवसर मिलता है, क्योंकि हमारे देश में कई भाषाएं हैं जो हमारी पहचान हैं।"
नीलम वशिष्ठ ने भी इस पर अपनी राय दी, कहती हैं कि दर्शक हर किरदार को प्यार देते हैं, चाहे वह भोजपुरी हो या हिंदी। उनके लिए सभी भाषाएं एक समान हैं। नीलम ने यह भी साझा किया कि उनकी और रानी की पहली मुलाकात कैसे हुई थी।
उन्होंने बताया कि रानी उस समय बहुत छोटी थीं और फिल्म की शूटिंग देखने आई थीं। कभी सोचा नहीं था कि रानी इतनी बड़ी हो जाएंगी।
नीलम वशिष्ठ जल्द ही कलर्स टीवी के नए शो 'मौनरागम-गुनगुनाती खामोशी' में नजर आएंगी, जो उनका पहला हिंदी धारावाहिक होगा। यह शो भ्रूण हत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा और लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों को उजागर करेगा। इस धारावाहिक में 'गुम है किसी के प्यार में' की मुख्य अभिनेत्री भाविका शर्मा भी शामिल हैं। शो का पहला प्रोमो जारी किया जा चुका है, जबकि टेलीकास्ट की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है।
वहीं, रानी चटर्जी वर्तमान में 'मासी' नामक फिल्म की शूटिंग कर रही हैं, और उनकी आगामी फिल्म 'परिणय सूत्र' का ट्रेलर भी रिलीज हो चुका है। यह फिल्म बाल विवाह और दो सच्ची सखियों के प्रेम को दर्शाती है।
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