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फारुख शेख की यादें: 'उमराव जान' के रोमांटिक सीन के पीछे का दिलचस्प किस्सा

दिवंगत अभिनेता फारुख शेख ने अपनी फिल्म 'उमराव जान' के शूटिंग के दौरान एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे गांव वालों की उत्सुकता ने शूटिंग को तनावपूर्ण बना दिया था। जानें इस मजेदार घटना के बारे में और फारुख शेख के अद्वितीय अभिनय के बारे में।
 
फारुख शेख की यादें: 'उमराव जान' के रोमांटिक सीन के पीछे का दिलचस्प किस्सा

फारुख शेख का अद्वितीय अभिनय




मुंबई, 26 दिसंबर। दिवंगत अभिनेता फारुख शेख भारतीय सिनेमा के एक अनमोल सितारे थे, जिन्होंने अपनी सहज और प्रभावशाली अभिनय शैली से दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बनाया। उन्होंने अपने हर किरदार को बखूबी निभाया, चाहे वह 'उमराव जान' में नवाब का हो या 'बाजार' में सरजू का।


फारुख शेख के किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं, जैसे कि 'गरम हवा', 'चश्मे बद्दूर', 'किसी से न कहना' और 'उमराव जान'। उनके अभिनय के साथ-साथ उनकी फिल्मों से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी हैं। एक ऐसा ही किस्सा है उनकी फिल्म 'उमराव जान' से, जो उन्होंने एक इंटरव्यू में साझा किया था। 28 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि है।


मुजफ्फर अली द्वारा निर्देशित 'उमराव जान' में नवाब सुल्तान का किरदार फारुख शेख के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस फिल्म से जुड़ा एक मजेदार लेकिन तनावपूर्ण किस्सा उन्होंने खुद सुनाया।


फारुख ने बताया कि 'उमराव जान' में एक खूबसूरत रोमांटिक सीन था, जिसमें उमराव (रेखा) और नवाब सुल्तान (फारुख) एक शाम को मिलते हैं। यह सीन लखनऊ के पास मलीहाबाद में एक निजी मकान में शूट किया जा रहा था। उस समय रेखा एक सुपरस्टार थीं, जिससे शूटिंग स्थल पर भीड़ इकट्ठा हो गई थी। गांव में यह खबर फैल गई कि रेखा और फारुख का रोमांटिक सीन शूट हो रहा है।


फारुख ने हंसते हुए कहा, "लोगों को लगा कि फारुख की तो लॉटरी लग गई, लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग थी। मैं, निर्देशक मुजफ्फर अली, पूरी फिल्म यूनिट और रेखा सभी तनाव में थे। गांव वाले उस सीन को देखने के लिए बेताब थे।"


उन्होंने आगे बताया कि स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई थी कि कभी-कभी शूटिंग को टालना पड़ा। कुछ ग्रामीणों ने तो बंदूकें भी निकाल ली थीं। लेकिन इस तनाव के बीच भी उन्होंने सीन को बेहतरीन तरीके से निभाया।


फारुख शेख का निधन 28 दिसंबर 2013 को दुबई में हार्ट अटैक से हुआ। वह समानांतर सिनेमा के एक अद्वितीय सितारे थे, जिन्होंने 'गरम हवा' से अपने करियर की शुरुआत की और हर फिल्म में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने टीवी पर 'जीना इसी का नाम है' जैसे शो भी होस्ट किए और थिएटर में भी सक्रिय रहे।


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