पंजाब के मशहूर सूफी गायक Hans Raj Hans की पत्नी का निधन: जानें उनके जीवन की अनकही बातें
रेशम कौर का अंतिम संस्कार
जालंधर, 3 अप्रैल। पंजाब के प्रसिद्ध सूफी गायक और पूर्व सांसद हंसराज हंस की पत्नी रेशम कौर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में गुरुवार को किया गया। 60 वर्षीय रेशम पिछले कुछ समय से हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं और उनका इलाज जालंधर के टैगोर अस्पताल में चल रहा था।
रेशम का अंतिम संस्कार सफीपुर गांव के श्मशान घाट पर हुआ। उनके निधन की खबर ने संगीत और राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। अंतिम संस्कार से पहले हंसराज हंस के घर पर शोक व्यक्त करने वालों की भीड़ जुटी रही। सुबह से ही गायक, राजनीतिक नेता और खेल जगत की कई प्रमुख हस्तियां उनके घर पहुंच रही थीं।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन, कांग्रेस विधायक परगट सिंह, और मशहूर गायक मास्टर सलीम जैसे कई जानी-मानी शख्सियतों ने हंसराज हंस के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इस दुखद समय में उनके प्रशंसक और शुभचिंतक सोशल मीडिया के माध्यम से भी शोक जता रहे हैं।
रेशम कौर बॉलीवुड गायक दलेर मेहंदी की समधन भी थीं। दलेर मेहंदी की बेटी अजीत कौर का विवाह रेशम कौर के बेटे नवराज हंस से हुआ है।
हंसराज हंस न केवल एक प्रसिद्ध सूफी गायक हैं, बल्कि उन्होंने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। वह दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रह चुके हैं, जहां उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने उन्हें पंजाब के फरीदकोट से टिकट दिया था, लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
हंसराज हंस को उनके संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, लंदन में भी उन्हें एक प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया था।
हंसराज हंस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्य के रूप में की थी। उन्होंने 2009 में जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए, जहां उन्हें ज्यादा अवसर नहीं मिले। बाद में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और दिल्ली से सांसद चुने गए।