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डॉ. एस श्रीनिवासन की गिरफ्तारी: लोन धोखाधड़ी का मामला

तमिल फिल्मों के पावरस्टार डॉ. एस श्रीनिवासन को दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने लोन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। 2010 में हुई ठगी के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। जानें इस मामले की पूरी कहानी और श्रीनिवासन के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों के बारे में।
 
डॉ. एस श्रीनिवासन की गिरफ्तारी: लोन धोखाधड़ी का मामला

डॉ. एस श्रीनिवासन की गिरफ्तारी

तमिल सिनेमा के पावरस्टार डॉ. एस श्रीनिवासन को एक महत्वपूर्ण मामले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उन्हें एक लोन धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा है। जांच में यह सामने आया कि श्रीनिवासन ने लोन की राशि का दुरुपयोग फिल्म निर्माण और व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया। वह 2018 से इस मामले में अदालत में पेश नहीं हुए थे और उन्हें दो बार भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।


मामले का विवरण

यह मामला दिसंबर 2010 का है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता कंपनी मेसर्स ब्लू कोस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड से हेनरी लालरेमसंगा, दीपक बंगा, अनिल वार्ष्णेय और रामानुज मुववाला ने संपर्क किया था। इन्होंने 1000 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का झांसा देकर 5 करोड़ रुपये की ठगी की। श्रीनिवासन पर इस साजिश का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। इसके अलावा, चेन्नई में उनके खिलाफ इसी तरह के छह अन्य धोखाधड़ी के मामले भी चल रहे हैं।


धोखाधड़ी का तरीका

आरोपियों ने शिकायतकर्ता को होटल और कॉर्पोरेट निवेश का विशेषज्ञ सलाहकार बताया और 1000 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि लोन नहीं मिलता है, तो 30 दिनों के भीतर पैसे वापस कर दिए जाएंगे। इसके बाद, आरोपियों ने शिकायतकर्ता को पावरस्टार एस. श्रीनिवासन से मिलवाया, जिन्होंने खुद को मेसर्स बाबा ट्रेडिंग कंपनी का मालिक बताया। लोन एग्रीमेंट के तहत, शिकायतकर्ता ने विशेष चिपकने वाले स्टाम्प खरीदने के लिए 5 करोड़ रुपये की अग्रिम भुगतान की। लेकिन न तो लोन मिला और न ही 5 करोड़ रुपये वापस हुए।


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