क्या AI फिल्म निर्माण को बदल देगा? शेखर कपूर ने साझा की अपनी राय
शेखर कपूर का एआई पर विचार
मुंबई, 4 नवंबर। प्रसिद्ध निर्देशक शेखर कपूर ने हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए अपने विचार साझा किए हैं। मंगलवार को उन्होंने एआई के उपयोग पर अपनी राय व्यक्त की।
एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक नोट में, उन्होंने लिखा, "आप सभी गलत दिशा में जा रहे हैं। ए-लिस्टर्स ऐसे बिजनेस मॉडल के जरिए शीर्ष पर पहुंचे हैं, जो लगभग बंद होने वाले हैं।"
कपूर ने बताया कि अमेरिका के स्टूडियो इसलिए टिके हुए हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे बिजनेस मॉडल बनाए हैं, जो इतने महंगे हैं कि उस सेक्टर में प्रवेश करना आसान नहीं है।
उन्होंने एआई के फिल्म निर्माण में योगदान पर जोर देते हुए कहा, "अगर एआई फिल्म निर्माण को और अधिक लोकतांत्रिक बना रहा है, तो फिर पिरामिड के शीर्ष पर बैठे लोग इसका समर्थन क्यों करेंगे?"
अंत में, उन्होंने कहा, "ज्यादातर लोग यह नहीं समझते कि एआई एक नई तकनीक है। यह कोई वीएफएक्स की तरह ऐड-ऑन नहीं है।"
शेखर कपूर ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्में दी हैं, जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वे फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले लंदन में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम कर चुके हैं।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत धारावाहिक 'खानदान' से की, जिसने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई। निर्देशन में उन्होंने 1983 में फिल्म 'मासूम' से कदम रखा, जिसके बाद उनकी सुपरहिट फिल्म 'मिस्टर इंडिया' आई। यह फिल्म आज भी अपने किरदारों और कहानी के लिए लोगों की पसंद बनी हुई है। उन्होंने विदेशी फिल्में 'एलिजाबेथ' (1998) और 'एलिजाबेथ: द गोल्डन एज' (2007) भी बनाई हैं।
हाल ही में, शेखर कपूर ने घोषणा की कि वे 'मासूम' का सीक्वल बनाने जा रहे हैं।
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