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क्या है कुणाल कामरा का विवाद? मद्रास हाई कोर्ट ने दी राहत!

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को मद्रास हाई कोर्ट से 17 अप्रैल तक अंतरिम जमानत मिली है। यह जमानत उन्हें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर किए गए व्यंग्य के कारण मिली है। जानें इस विवाद का पूरा विवरण और कोर्ट की कार्रवाई के बारे में।
 

कुणाल कामरा का विवाद और कोर्ट की कार्रवाई

क्या है कुणाल कामरा का विवाद? मद्रास हाई कोर्ट ने दी राहत!

चेन्नई, 7 अप्रैल। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर बिना नाम लिए तंज कसने के कारण विवादों में फंसे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को मद्रास हाई कोर्ट ने 17 अप्रैल तक अंतरिम जमानत बढ़ा दी है।

कामरा ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जो उन्हें उस क्षेत्राधिकार से अस्थायी सुरक्षा प्रदान करती है, जहां एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर मुंबई के खार पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। पहले, अदालत ने कामरा को 7 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा दी थी, जो आज समाप्त हो रही थी।

हालांकि, अब अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत को 17 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने कामरा को जमानत के लिए वनूर अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था, जिसके बाद वनूर अदालत ने उन्हें राहत प्रदान की।

गौरतलब है कि 23 मार्च को मुंबई के खार स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब में एक शो के दौरान कामरा ने 1997 की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने की पैरोडी की, जिसका इस्तेमाल उन्होंने शिंदे पर व्यंग्य करने के लिए किया। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्हें “गद्दार” कहा, जो शिंदे की पार्टी शिवसेना को पसंद नहीं आया।

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस पर विरोध करते हुए शो के स्थल पर तोड़फोड़ की। कुछ दिनों बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कॉमेडी क्लब के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया, जिससे इस घटना की चर्चा और बढ़ गई।

कामरा के खिलाफ पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के कई अधिकारी उनके पंजीकृत पते पर गए, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए।

वनूर की अदालत, जो कामरा को अस्थायी राहत प्रदान कर रही है, तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में स्थित है।

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