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क्या आप जानते हैं 'सूरमा भोपाली' का नाम कैसे पड़ा? जानें इस कॉमेडियन की अनकही कहानी!

क्या आपने कभी सोचा है कि 'सूरमा भोपाली' का नाम कैसे पड़ा? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी ने अपने करियर की शुरुआत की और कैसे उन्हें यह प्रसिद्ध नाम मिला। जानें उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प किस्से और उनके परिवार के बारे में।
 

सूरमा भोपाली: एक कॉमेडी आइकन की कहानी

क्या आप जानते हैं 'सूरमा भोपाली' का नाम कैसे पड़ा? जानें इस कॉमेडियन की अनकही कहानी!


मुंबई, 28 मार्च। जब बात कॉमेडी की होती है, तो सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी को नजरअंदाज करना मुश्किल है। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'शोले' के मशहूर किरदार 'सूरमा भोपाली' की। उनकी अदाओं और लचकती चाल ने दर्शकों को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें यह नाम कैसे मिला?


इस नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। आइए, अभिनेता की जयंती पर उनकी जिंदगी के कुछ खास पलों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने हमें 'सूरमा भोपाली' दिया।


सूरमा भोपाली का जन्म 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की, और उनका असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी था।


जगदीप ने कई फिल्मों में बेहतरीन काम किया। उनकी पहली फिल्म बीआर चोपड़ा की 'अफसाना' थी, इसके बाद उन्होंने 'लैला मजनूं' और बिमल रॉय की 'दो बीघा जमीन' में भी अभिनय किया।


हालांकि, फिल्म 'शोले' में उनके द्वारा निभाए गए सूरमा भोपाली के किरदार ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई। इस फिल्म ने उन्हें सिनेप्रेमियों का चहेता बना दिया।


जगदीप से सूरमा भोपाली बनने की उनकी यात्रा भी दिलचस्प है, जिसका जिक्र उन्होंने एक इंटरव्यू में किया था।


उन्होंने बताया कि भोपाल की बोली पूरे देश में मशहूर है। एक फिल्म 'सरहदी लुटेरा' में जब उनके डायलॉग लंबे थे, तो उन्होंने सलीम से मदद मांगी। सलीम ने जावेद से बात करने की सलाह दी। जब जगदीप जावेद के पास गए, तो उन्होंने भोपाली अंदाज में डायलॉग को संक्षेप में पेश किया। यह सुनकर जगदीप हैरान रह गए। बाद में रमेश सिप्पी ने उन्हें 'शोले' में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने का प्रस्ताव दिया।


सूरमा भोपाली के दो बेटे हैं, जावेद जाफरी और नावेद जाफरी, जो भी फिल्म इंडस्ट्री में अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।


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