Movie prime

कंगना रनौत को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, मानहानि केस में याचिका खारिज

कंगना रनौत को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है, जब उनकी याचिका को मानहानि मामले में खारिज कर दिया गया। यह मामला तब शुरू हुआ जब कंगना ने किसान आंदोलन पर एक विवादास्पद ट्वीट किया था। शिकायतकर्ता महिंदर कौर ने आरोप लगाया कि कंगना ने उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा। अदालत ने कंगना की दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ मामला बनता है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 
कंगना रनौत को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, मानहानि केस में याचिका खारिज

कंगना रनौत को मिली कानूनी हार

Kangana Ranaut: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से एक महत्वपूर्ण झटका लगा है। अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने की मांग की थी। यह मामला बठिंडा की अदालत में दायर की गई शिकायत के चलते उत्पन्न हुआ था। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी…


मामले की पृष्ठभूमि

कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का मामला तब शुरू हुआ जब उन्होंने किसान आंदोलन पर एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, 'हा हा हा, ये वही दादी हैं न जो टाइम मैगजीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के तौर पर दिखाई दी थीं। और ये 100 रुपये में मौजूद हैं।' यह ट्वीट किसान आंदोलन से संबंधित एक पोस्ट को रीट्वीट करते हुए किया गया था।


महिंदर कौर की शिकायत

इस रीट्वीट में बठिंडा की निवासी महिंदर कौर की तस्वीर थी। उन्होंने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें दिल्ली के शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिला से गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच रहा है। इसी कारण कंगना के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।


कंगना का तर्क

मजिस्ट्रेट ने कंगना के खिलाफ समन जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनका ट्वीट अपमानजनक था। एक सेलिब्रिटी होने के नाते, उन्हें जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। जब मामला बढ़ा, तो कंगना ने कहा कि उनका ट्वीट किसी को ठेस पहुंचाने के इरादे से नहीं था।


कोर्ट का निर्णय

हालांकि, कंगना की दलील को अदालत ने खारिज कर दिया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया ने स्पष्ट किया कि पहली नजर में कंगना के खिलाफ धारा 499 और 500 आईपीसी के तहत मामला बनता है।


OTT