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आज धरती के नजदीक से गुजरेगा विशाल उल्कापिंड, कुतुब मीनार से दोगुना है आकार

कहा जाता है कि पृथ्वी से डायनासोरों का विलुप्त होना एक उल्कापिंड के कारण हुआ था। यही कारण है कि जब भी कोई दूसरा उल्कापिंड पृथ्वी के करीब से गुजरता है तो लोग डर जाते हैं।
 
कहा जाता है कि पृथ्वी से डायनासोरों का विलुप्त होना एक उल्कापिंड के कारण हुआ था। यही कारण है कि जब भी कोई दूसरा उल्कापिंड पृथ्वी के करीब से गुजरता है तो लोग डर जाते हैं। कई लोगों ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि ऐसे दिन उल्कापिंड के टकराने से पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. अब एक और उल्कापिंड धरती से टकराने वाला है.  नासा ने इसकी पुष्टि की है। 12 मई को यह उल्का पिंड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स के मुताबिक, इस उल्कापिंड का आकार 130 मीटर है। यानी अगर दिल्ली की कुतुब मीनार से तुलना की जाए तो यह आकार में दोगुनी है। नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। जिससे इस पर लगातार नजर रखी जा रही है।  धीरे-धीरे करीब आ रहा है यह विशाल चट्टान बहुत ही धीरे-धीरे धरती की ओर आ रही है। इसकी गति NEO लिस्ट में मौजूद उल्कापिंडों से काफी कम है। यह 8.93 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इसे पहली बार 31 मार्च, 2015 को देखा गया था। उस समय इसकी गति अब से दोगुनी थी। लेकिन अब इसकी स्पीड काफी कम हो गई है। नासा लगातार इसकी निगरानी कर रहा है। हालांकि, इससे खतरे की आशंका बेहद कम है, लेकिन नासा कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था।  तबाही मचा सकता है इस उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम है। अगर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण इसे खींचेगा तो यह पृथ्वी से टकराएगा और विनाश का कारण बनेगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह अगले आठ साल तक धरती के करीब नहीं आएगा। अगर आज टक्कर नहीं हुई तो यह 13 जुलाई 2031 को फिर से पृथ्वी के करीब आ जाएगा। आपको बता दें कि अब नासा के पास एक एस्टेरॉयड डिस्ट्रॉयिंग सिस्टम है, जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाली किसी भी चीज को नष्ट कर देगा। इससे आगे कुछ भी धरती को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

मनोरंजन डेस्क,  12 मई 2023- कहा जाता है कि पृथ्वी से डायनासोरों का विलुप्त होना एक उल्कापिंड के कारण हुआ था। यही कारण है कि जब भी कोई दूसरा उल्कापिंड पृथ्वी के करीब से गुजरता है तो लोग डर जाते हैं। कई लोगों ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि ऐसे दिन उल्कापिंड के टकराने से पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. अब एक और उल्कापिंड धरती से टकराने वाला है.

नासा ने इसकी पुष्टि की है। 12 मई को यह उल्का पिंड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा के नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स के मुताबिक, इस उल्कापिंड का आकार 130 मीटर है। यानी अगर दिल्ली की कुतुब मीनार से तुलना की जाए तो यह आकार में दोगुनी है। नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा के मुताबिक यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। जिससे इस पर लगातार नजर रखी जा रही है।

धीरे-धीरे करीब आ रहा है
यह विशाल चट्टान बहुत ही धीरे-धीरे धरती की ओर आ रही है। इसकी गति NEO लिस्ट में मौजूद उल्कापिंडों से काफी कम है। यह 8.93 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इसे पहली बार 31 मार्च, 2015 को देखा गया था। उस समय इसकी गति अब से दोगुनी थी। लेकिन अब इसकी स्पीड काफी कम हो गई है। नासा लगातार इसकी निगरानी कर रहा है। हालांकि, इससे खतरे की आशंका बेहद कम है, लेकिन नासा कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था।

तबाही मचा सकता है
इस उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम है। अगर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण इसे खींचेगा तो यह पृथ्वी से टकराएगा और विनाश का कारण बनेगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह अगले आठ साल तक धरती के करीब नहीं आएगा। अगर आज टक्कर नहीं हुई तो यह 13 जुलाई 2031 को फिर से पृथ्वी के करीब आ जाएगा। आपको बता दें कि अब नासा के पास एक एस्टेरॉयड डिस्ट्रॉयिंग सिस्टम है, जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाली किसी भी चीज को नष्ट कर देगा। इससे आगे कुछ भी धरती को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।