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इंसान की पॉटी सूंघने की निकली नौकरी, कंपनी दे रही है लाखों रुपये सैलरी, बेहद अजीब हैं नियम और शर्तें!

आजकल नौकरी बहुत कम है, पढ़े-लिखे लोग डिग्री लेकर घूम रहे हैं। बहुत से लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार कम पैसे और अधिक काम के साथ निचले स्तर की नौकरियां मिलती हैं।
 
आजकल नौकरी बहुत कम है, पढ़े-लिखे लोग डिग्री लेकर घूम रहे हैं। बहुत से लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार कम पैसे और अधिक काम के साथ निचले स्तर की नौकरियां मिलती हैं। लेकिन आजकल एक ऐसी नौकरी की बहुत चर्चा है जिसमें काम बहुत कम है, पैसा बहुत ज्यादा है लेकिन काम ऐसा है जिसके बारे में जानकर ही आप दूसरों से हाथ मिलाते हैं। हो सकता है कि जिस किसी को पैसों की सख्त जरूरत हो वह इस काम को करना पसंद न करे।  ब्रिटेन में फील कम्प्लीट नाम का एक न्यूट्रिशन ब्रांड है। हाल ही में इस ब्रांड कंपनी ने एक ऐसा काम हाथ में लिया है जिससे उन्हें अपने उत्पादों को लोगों के लिए बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। डेली स्टार न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, इस जॉब से जुड़े व्यक्ति को दूसरे लोगों की पॉटी की गंध आएगी! (पॉटी सूंघते हुए) जी हां, आपने सही पढ़ा। मल का परीक्षण करने के लिए, कंपनी को ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो मानव मल को सूंघ सकें और फिर अपने अनुभव के आधार पर वे अपने उत्पादों को संशोधित करेंगे।  इतनी मिलेगी सैलरी कंपनी पॉमेलियर ट्रेनिंग आयोजित करेगी जिसमें 5 लोग भाग लेंगे और उनमें से केवल एक को ही विजेता चुना जाएगा। विजेता को मानव पाचन तंत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वह सूंघ सके कि शरीर में किन पोषक तत्वों की कमी है या पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है या नहीं। जो लोग पुमेलिया बनना चाहते हैं उनकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। उसे बहुत कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार रहना चाहिए और विस्तार के लिए गहरी नजर रखनी चाहिए। इस काम के लिए कर्मचारी को हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे।   मल की जानकारी क्यों महत्वपूर्ण है? फील कम्पलीट की लीड न्यूट्रिशनिस्ट हन्ना मैसी कहती हैं, ''किसी के भी मल से अच्छी गंध नहीं आती, लेकिन बदबूदार मल खराब पाचन और स्वास्थ्य का संकेत हो सकता है। पेट में बैक्टीरिया की संख्या में परिवर्तन जिसे डिस्बिओसिस कहा जाता है, पेट में मीथेन गैस के निर्माण की ओर जाता है। यह गैस या तो मल बनाती है या शरीर से दुर्गंध के रूप में निकलती है। यह समस्या विभिन्न खाद्य असहिष्णुता के कारण भी उत्पन्न होती है। पाचन तंत्र में कोई समस्या होने पर लोगों को तुरंत डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। ऐसे में लोग मल के प्रति जागरूक होकर अपना ख्याल रख सकते हैं।

आजकल नौकरी बहुत कम है, पढ़े-लिखे लोग डिग्री लेकर घूम रहे हैं। बहुत से लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार कम पैसे और अधिक काम के साथ निचले स्तर की नौकरियां मिलती हैं। लेकिन आजकल एक ऐसी नौकरी की बहुत चर्चा है जिसमें काम बहुत कम है, पैसा बहुत ज्यादा है लेकिन काम ऐसा है जिसके बारे में जानकर ही आप दूसरों से हाथ मिलाते हैं। हो सकता है कि जिस किसी को पैसों की सख्त जरूरत हो वह इस काम को करना पसंद न करे।

ब्रिटेन में फील कम्प्लीट नाम का एक न्यूट्रिशन ब्रांड है। हाल ही में इस ब्रांड कंपनी ने एक ऐसा काम हाथ में लिया है जिससे उन्हें अपने उत्पादों को लोगों के लिए बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। डेली स्टार न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, इस जॉब से जुड़े व्यक्ति को दूसरे लोगों की पॉटी की गंध आएगी! (पॉटी सूंघते हुए) जी हां, आपने सही पढ़ा। मल का परीक्षण करने के लिए, कंपनी को ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो मानव मल को सूंघ सकें और फिर अपने अनुभव के आधार पर वे अपने उत्पादों को संशोधित करेंगे।

इतनी मिलेगी सैलरी
कंपनी पॉमेलियर ट्रेनिंग आयोजित करेगी जिसमें 5 लोग भाग लेंगे और उनमें से केवल एक को ही विजेता चुना जाएगा। विजेता को मानव पाचन तंत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वह सूंघ सके कि शरीर में किन पोषक तत्वों की कमी है या पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है या नहीं। जो लोग पुमेलिया बनना चाहते हैं उनकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। उसे बहुत कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार रहना चाहिए और विस्तार के लिए गहरी नजर रखनी चाहिए। इस काम के लिए कर्मचारी को हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे।


मल की जानकारी क्यों महत्वपूर्ण है?
फील कम्पलीट की लीड न्यूट्रिशनिस्ट हन्ना मैसी कहती हैं, ''किसी के भी मल से अच्छी गंध नहीं आती, लेकिन बदबूदार मल खराब पाचन और स्वास्थ्य का संकेत हो सकता है। पेट में बैक्टीरिया की संख्या में परिवर्तन जिसे डिस्बिओसिस कहा जाता है, पेट में मीथेन गैस के निर्माण की ओर जाता है। यह गैस या तो मल बनाती है या शरीर से दुर्गंध के रूप में निकलती है। यह समस्या विभिन्न खाद्य असहिष्णुता के कारण भी उत्पन्न होती है। पाचन तंत्र में कोई समस्या होने पर लोगों को तुरंत डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। ऐसे में लोग मल के प्रति जागरूक होकर अपना ख्याल रख सकते हैं।