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3 हजार साल पहले लिया करते थे ड्रग्स हमारे पूर्वज! , परंपरा के नाम पर चलता था ये खेल

नशा एक ऐसी चीज है जो इंसान के सोचने और समझने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
 
नशा एक ऐसी चीज है जो इंसान के सोचने और समझने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। ड्रग्स लेने के बाद इंसान का दिमाग अलग तरह से काम करने लगता है। आज के युवाओं में नशीली दवाओं का सेवन अधिक आम है। लोग इसे जीवनशैली से भी जोड़ते हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण दवाओं का सेवन बढ़ रहा है तो यह खबर आपके लिए है। वैज्ञानिकों को ऐसे सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि तीन हजार साल पहले भी इंसान दवाइयां लेते थे।  यह दावा स्पेन में एक कब्रगाह की एक गुफा से मिले सबूतों पर आधारित है। वैज्ञानिकों को इस गुफा से कुछ मानव बाल मिले हैं। उनकी जांच के बाद पता चला कि ये लोग तीन हजार साल पहले परंपरा और पूजा के नाम पर ड्रग्स का सेवन कर रहे थे। उस समय पाषाण युग चल रहा था। इंसान के बालों का परीक्षण करने पर पता चला कि ये लोग उस समय पेड़-पौधों से बनी दवाओं के सेवन से कद बढ़ा रहे थे। यानी वह शख्स तब भी नशे का आदी था।   पहली बार प्रकाशित हो चुकी है। यह खोज जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थी। यह यूरोप में चिकित्सा के प्राचीन उपयोग का पहला प्रमाण है। यह शोध स्पेन की एक टीम ने पूरा किया। उन्होंने कहा कि पूजा के नाम पर इन भ्रमजाल वाली दवाओं का सेवन किया जाता था। इस शोध में प्रोफेसर एलिसा गुएरा डॉस और उनकी टीम शामिल है। उन्होंने मनोरका के पास गुफाओं की खोज की। इसमें उन्हें इंसानी बाल मिले। ये गुफाएं 3600 साल पहले इंसानों का घर थीं। 28 सौ साल पहले इसका इस्तेमाल शवों को दफनाने के लिए किया जाता था।  अंदर चीजें मिलीं इन गुफाओं की जांच के दौरान विशेषज्ञों को करीब 200 शवों का ठिकाना मिला। लेकिन इसके बाद जब खुदाई की गई तो उन्हें बालों के टुकड़े ही मिले। साथ ही कई तरह के पूजा-पाठ का सामान भी मिला। प्राप्त बालों का द्रव्यमान लगभग तीन हजार वर्ष पुराना है। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के बाद यहां पूजा की गई। हो सकता है कि उसी पूजा में प्रसाद के नाम पर नशे का सेवन किया गया हो। इन दवाओं को पौधों से निकाला गया था।

नशा एक ऐसी चीज है जो इंसान के सोचने और समझने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। ड्रग्स लेने के बाद इंसान का दिमाग अलग तरह से काम करने लगता है। आज के युवाओं में नशीली दवाओं का सेवन अधिक आम है। लोग इसे जीवनशैली से भी जोड़ते हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण दवाओं का सेवन बढ़ रहा है तो यह खबर आपके लिए है। वैज्ञानिकों को ऐसे सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि तीन हजार साल पहले भी इंसान दवाइयां लेते थे।

यह दावा स्पेन में एक कब्रगाह की एक गुफा से मिले सबूतों पर आधारित है। वैज्ञानिकों को इस गुफा से कुछ मानव बाल मिले हैं। उनकी जांच के बाद पता चला कि ये लोग तीन हजार साल पहले परंपरा और पूजा के नाम पर ड्रग्स का सेवन कर रहे थे। उस समय पाषाण युग चल रहा था। इंसान के बालों का परीक्षण करने पर पता चला कि ये लोग उस समय पेड़-पौधों से बनी दवाओं के सेवन से कद बढ़ा रहे थे। यानी वह शख्स तब भी नशे का आदी था।


पहली बार प्रकाशित हो चुकी है।
यह खोज जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थी। यह यूरोप में चिकित्सा के प्राचीन उपयोग का पहला प्रमाण है। यह शोध स्पेन की एक टीम ने पूरा किया। उन्होंने कहा कि पूजा के नाम पर इन भ्रमजाल वाली दवाओं का सेवन किया जाता था। इस शोध में प्रोफेसर एलिसा गुएरा डॉस और उनकी टीम शामिल है। उन्होंने मनोरका के पास गुफाओं की खोज की। इसमें उन्हें इंसानी बाल मिले। ये गुफाएं 3600 साल पहले इंसानों का घर थीं। 28 सौ साल पहले इसका इस्तेमाल शवों को दफनाने के लिए किया जाता था।

अंदर चीजें मिलीं
इन गुफाओं की जांच के दौरान विशेषज्ञों को करीब 200 शवों का ठिकाना मिला। लेकिन इसके बाद जब खुदाई की गई तो उन्हें बालों के टुकड़े ही मिले। साथ ही कई तरह के पूजा-पाठ का सामान भी मिला। प्राप्त बालों का द्रव्यमान लगभग तीन हजार वर्ष पुराना है। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के बाद यहां पूजा की गई। हो सकता है कि उसी पूजा में प्रसाद के नाम पर नशे का सेवन किया गया हो। इन दवाओं को पौधों से निकाला गया था।