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यहां सड़कों पर कुत्ते-बिल्ली जैसे टहल रहे मगरमच्छ, ढूंढ रहे हैं सच्चा प्यार

भारत इन दिनों लू का प्रकोप झेल रहा है। भीषण गर्मी के बीच लोग सुकून के साधन ढूंढ रहे हैं. फ्लोरिडा में इन दिनों बेमौसम गर्मी देखने को मिल रही है.
 
भारत इन दिनों लू का प्रकोप झेल रहा है। भीषण गर्मी के बीच लोग सुकून के साधन ढूंढ रहे हैं. फ्लोरिडा में इन दिनों बेमौसम गर्मी देखने को मिल रही है. इस गर्मी के कारण यहां सड़कों पर कई मगरमच्छ देखे जा सकते हैं। आपको बता दें कि सिर्फ फ्लोरिडा में ही करीब 13 लाख घड़ियाल रहते हैं। ऐसे में जब से यहां गर्मी बढ़ी है तब से ये मगरमच्छ लोगों की बस्तियों में पानी से निकल रहे हैं. इसके पीछे एक खास वजह है।  ये मगरमच्छ एक साथी की तलाश में हैं। इस वजह से ये पर्यटन स्थलों पर नजर आते हैं। आपको बता दें कि सनशाइन स्टेट मगरमच्छों की आबादी के लिए जाना जाता है। लेकिन फ्लोरिडा फिश एंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमीशन के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ है। खासकर इंसानों के इलाके में इनकी घुसपैठ बढ़ गई है।    तीन महीने की समस्या जानकारी के मुताबिक इस इलाके में अक्सर अप्रैल से जून के बीच मगरमच्छ देखे जाते हैं. यह उनका मेटिंग सीजन भी है। कई लोगों ने सुझाव दिया कि मगरमच्छों को यहां ले जाया जाना चाहिए। लेकिन जानकारों की मानें तो ऐसा करने से इनकी संख्या में और इजाफा होगा। उन्हें गर्मियों में साथी मिलते हैं। ऐसे में अगर इन्हें यहां से निकाला गया तो ये फिर से साथी की तलाश में यहां वापस आएंगी। संख्या में पहले से ज्यादा हो सकते हैं। इसलिए यहां मौजूद लोगों को काबू करने की कोशिश की जा रही है.

भारत इन दिनों लू का प्रकोप झेल रहा है। भीषण गर्मी के बीच लोग सुकून के साधन ढूंढ रहे हैं. फ्लोरिडा में इन दिनों बेमौसम गर्मी देखने को मिल रही है. इस गर्मी के कारण यहां सड़कों पर कई मगरमच्छ देखे जा सकते हैं। आपको बता दें कि सिर्फ फ्लोरिडा में ही करीब 13 लाख घड़ियाल रहते हैं। ऐसे में जब से यहां गर्मी बढ़ी है तब से ये मगरमच्छ लोगों की बस्तियों में पानी से निकल रहे हैं. इसके पीछे एक खास वजह है।

ये मगरमच्छ एक साथी की तलाश में हैं। इस वजह से ये पर्यटन स्थलों पर नजर आते हैं। आपको बता दें कि सनशाइन स्टेट मगरमच्छों की आबादी के लिए जाना जाता है। लेकिन फ्लोरिडा फिश एंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमीशन के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ है। खासकर इंसानों के इलाके में इनकी घुसपैठ बढ़ गई है।

तीन महीने की समस्या
जानकारी के मुताबिक इस इलाके में अक्सर अप्रैल से जून के बीच मगरमच्छ देखे जाते हैं. यह उनका मेटिंग सीजन भी है। कई लोगों ने सुझाव दिया कि मगरमच्छों को यहां ले जाया जाना चाहिए। लेकिन जानकारों की मानें तो ऐसा करने से इनकी संख्या में और इजाफा होगा। उन्हें गर्मियों में साथी मिलते हैं। ऐसे में अगर इन्हें यहां से निकाला गया तो ये फिर से साथी की तलाश में यहां वापस आएंगी। संख्या में पहले से ज्यादा हो सकते हैं। इसलिए यहां मौजूद लोगों को काबू करने की कोशिश की जा रही है.