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भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

भारत के आपराधिक इतिहास में कई गैंगस्टरों ने अपनी पहचान बनाई है। इस लेख में हम 9 प्रमुख गैंगस्टरों के बारे में जानेंगे, जिनमें हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम और लॉरेंस बिश्नोई शामिल हैं। जानिए कैसे इन गैंगस्टरों ने अपने साम्राज्य स्थापित किए और किस प्रकार गैंगस्टर संस्कृति में बदलाव आया है। क्या आप जानते हैं कि आज के गैंगस्टर सोशल मीडिया का उपयोग कैसे कर रहे हैं? इस लेख में इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे।
 

भारत के कुख्यात गैंगस्टर

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

Bharat Ke Famous Gangsters

Bharat Ke Famous Gangsters

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: भारतीय आपराधिक इतिहास में कई गैंगस्टरों ने अपनी पहचान बनाई है। इनमें से कुछ का अंत हो चुका है, जबकि कुछ अब भी सक्रिय हैं। यहाँ प्रमुख गैंगस्टरों के नाम, उनके कार्य, और उनके अंत के बारे में जानकारी दी गई है:


1. हाजी मस्तान (1926-1994):

हाजी मस्तान, जिन्हें मुंबई का पहला अंडरवर्ल्ड डॉन माना जाता है, का जन्म 1 मार्च, 1926 को तमिलनाडु के कुड्डलोर में हुआ था। उन्होंने 1970 के दशक तक मुंबई में तस्करी के जरिए अपना साम्राज्य स्थापित किया।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

हाजी मस्तान ने वरदराजन मुदलियार और करीम लाला के साथ मिलकर मुंबई के आपराधिक जगत को विभाजित किया। बाद में, उन्होंने अपराध की दुनिया से दूरी बना ली और राजनीति में सक्रिय हो गए। 1994 में हाजी मस्तान का निधन हुआ।


2. करीम लाला (1911-2002):

करीम लाला, जिनका असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था, 1940 के दशक में मुंबई के अंडरवर्ल्ड में उभरे। उन्होंने पठान गैंग का नेतृत्व किया।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

तस्करी, जुआ, और अवैध वसूली जैसे कार्यों में संलिप्त रहे। करीम लाला का 2002 में निधन हुआ।


3. वरदराजन मुदलियार (1926-1988):

वरदराजन मुदलियार, जिन्हें वरदा भाई के नाम से भी जाना जाता है, ने मुंबई में तस्करी और अवैध गतिविधियों के माध्यम से अपना प्रभाव स्थापित किया।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

उन्होंने हाजी मस्तान और करीम लाला के साथ मिलकर काम किया। बाद में, उन्होंने अपराध की दुनिया से संन्यास ले लिया और 1988 में उनका निधन हुआ।


4. दाऊद इब्राहिम (1955-):

दाऊद इब्राहिम, डी-कंपनी के संस्थापक, का जन्म 27 दिसंबर, 1955 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1980 के दशक में मुंबई के अंडरवर्ल्ड में प्रवेश किया। तस्करी, अवैध वसूली, और हत्या जैसे अपराधों में लिप्त रहे।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

1993 के मुंबई बम धमाकों के मास्टरमाइंड के रूप में दाऊद का नाम सामने आया, जिसके बाद वह भारत से फरार हो गया। वर्तमान में, वह भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक है और माना जाता है कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है।


5. छोटा राजन (1960-):

राजेंद्र सदाशिव निखलजे, जिन्हें छोटा राजन के नाम से जाना जाता है, का जन्म 13 जनवरी, 1960 को मुंबई में हुआ था। वह पहले दाऊद इब्राहिम के सहयोगी थे। लेकिन बाद में दोनों के बीच दुश्मनी हो गई।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

छोटा राजन पर हत्या, तस्करी, और अवैध वसूली के कई मामले दर्ज हैं। 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद, उसे भारत लाया गया और वर्तमान में वह जेल में है।


6. अरुण गवली (1955-):

अरुण गवली, जिन्हें 'डैडी' के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 17 जुलाई, 1955 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1980 के दशक में आपराधिक गतिविधियों में प्रवेश किया और बाद में राजनीति में भी सक्रिय हुए।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

गवली पर हत्या और अवैध वसूली के कई आरोप लगे। 2012 में, उन्हें एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।


7. अबू सलेम (1968-):

अबू सलेम, जिनका जन्म 1968 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था, ने मुंबई में दाऊद इब्राहिम के लिए काम किया। वह 1993 के मुंबई बम धमाकों में शामिल था और बाद में फिल्म निर्माताओं से वसूली करने लगा।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

2002 में पुर्तगाल में गिरफ्तारी के बाद, उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया और वर्तमान में वह जेल में है।


8. रवि पुजारी:

रवि पुजारी, जो पहले दाऊद इब्राहिम के साथ काम करता था, बाद में स्वतंत्र रूप से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो गया। वह हत्या, वसूली, और तस्करी के मामलों में वांछित था।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

2020 में, सेनेगल में गिरफ्तारी के बाद, उसे भारत लाया गया और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।


9. लॉरेंस बिश्नोई (1993-):

लॉरेंस बिश्नोई, जिनका जन्म 12 फरवरी, 1993 को पंजाब के फाजिल्का जिले में हुआ था, ने कॉलेज के दिनों में अपराध की दुनिया में कदम रखा। वह हत्या, वसूली, और तस्करी जैसे अपराधों में शामिल रहा है।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

बिश्नोई ने जेल में रहते हुए भी अपने आपराधिक नेटवर्क का संचालन किया है। वह बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकी देने और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में संलिप्तता के लिए चर्चा में रहा है।


2000 के बाद के प्रमुख गैंगस्टर और गिरोह

2000 के बाद का दौर टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशन का है। गैंगस्टर अब फेसबुक पर धमकी देते हैं, व्हाट्सऐप पर फिरौती मांगते हैं, और VPN के जरिए विदेश से अपने गिरोह को चलाते हैं। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इनका विशेष प्रभाव देखने को मिलता है।


1. लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई राजस्थान के फाजिल्का जिले का रहने वाला है और वर्तमान में भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में गिना जाता है। उसने कॉलेज जीवन के दौरान अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे अपना गैंग बना लिया। उस पर हत्या, फिरौती, अवैध हथियार रखने और सुपारी किलिंग जैसे कई गंभीर आरोप हैं।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उसका नाम प्रमुखता से आया। फिलहाल वह जेल में है लेकिन बताया जाता है कि वहीं से अपना गिरोह संचालित कर रहा है।


2. गोल्डी बराड़

गोल्डी बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा एक एनआरआई अपराधी है, जो कनाडा में बैठकर भारत में संगठित अपराध चला रहा है।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

वह सोशल मीडिया पर खुलेआम हत्या की जिम्मेदारी लेता है, जैसा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में देखा गया। गोल्डी के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी है। लेकिन वह अभी तक कानून की पकड़ से बाहर है। कनाडा में बैठे-बैठे वह पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में गैंगवार को अंजाम देता है। उसके नेटवर्क में कई शूटर और लोकेल गैंगस्टर शामिल हैं।


3. काला जठेड़ी

काला जठेड़ी हरियाणा का खतरनाक गैंगस्टर है, जिसे सोशल मीडिया के जरिए दहशत फैलाने के लिए जाना जाता है। उसने हत्या, फिरौती और अपहरण जैसे कई अपराध किए और पुलिस से लंबे समय तक बचता रहा।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ जैसे अपराधियों से भी जुड़ा रहा है। दिल्ली पुलिस ने 2021 में एक जटिल ऑपरेशन के बाद उसे गिरफ्तार किया। उसके गिरोह के सदस्य आज भी सक्रिय हैं और उसका असर NCR के आपराधिक जगत में बना हुआ है।


4. संपत नेहरा

संपत नेहरा हरियाणा का शूटर और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का प्रमुख सदस्य है। वह अभिनेता सलमान खान की हत्या की साजिश के कारण सुर्खियों में आया। उसे हैदराबाद से 2018 में गिरफ्तार किया गया था जब वह अपराधों की लंबी श्रृंखला को अंजाम दे रहा था।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

उसके खिलाफ हत्या, लूट और अवैध हथियार रखने जैसे कई मामले दर्ज हैं। जेल में रहने के बावजूद वह गिरोह के संपर्क में रहता है।


5. टिल्लू ताजपुरिया

टिल्लू ताजपुरिया दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर था, जो टिल्लू गैंग चलाता था और गोगी गैंग से उसकी गहरी रंजिश थी। रोहिणी कोर्ट शूटआउट जैसे खौफनाक घटनाओं के पीछे उसी के गैंग का हाथ था।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

उसने कई मर्डर और फिरौती की वारदातें की थीं और लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। तिहाड़ जेल में रहते हुए भी उसका प्रभाव बना हुआ था। 2023 में उसकी हत्या जेल के अंदर ही प्रतिद्वंद्वी गैंग ने कर दी।


6. दीपक बॉक्सर

दीपक बॉक्सर हरियाणा से ताल्लुक रखता है और गोगी गैंग का करीबी था, बाद में उसने अपना स्वतंत्र गैंग बना लिया। वह सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर धमकियाँ देता था और पुलिस को खुली चुनौती देता था।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

सुपारी किलिंग, फिरौती और हवाला नेटवर्क से उसका गैंग जुड़ा हुआ था। 2023 में मेक्सिको से उसे भारत लाया गया, जो उसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर करता है। फिलहाल वह पुलिस की कड़ी निगरानी में है।


7. कौशल चौधरी

कौशल चौधरी गुरुग्राम का गैंगस्टर है, जिसने बिल्डरों, व्यापारियों और उद्योगपतियों से जबरन वसूली के कई मामलों को अंजाम दिया। उसका नाम कुख्यात गैंगवार और सुपारी किलिंग में आता रहा है।

भारत के कुख्यात गैंगस्टर: अपराध की दुनिया के 9 प्रमुख नाम

सोशल मीडिया पर लाइव आकर धमकी देना उसका सामान्य तरीका बन चुका था। वह दुबई भाग गया था। लेकिन भारत सरकार के प्रयासों से उसे प्रत्यर्पित किया गया। अब वह जेल में है लेकिन उसका नेटवर्क अभी भी NCR में सक्रिय माना जाता है।


8. विक्की गौंडर

विक्की गौंडर पंजाब का बेहद खतरनाक अपराधी था जिसे कई पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी माना जाता था। उसने जेल से फरार होकर कई वारदातों को अंजाम दिया और सोशल मीडिया के जरिए अपनी ताकत दिखाता था। वह खुद को ‘रॉबिनहुड’ के रूप में प्रस्तुत करता था, पर हकीकत में बेहद हिंसक गैंगस्टर था। 2018 में पुलिस ने उसे एक मुठभेड़ में मार गिराया। उसकी मौत के बाद भी उसका गिरोह कई जगह सक्रिय रहा।


9. नवीन बाली

नवीन बाली दिल्ली-हरियाणा का गैंगस्टर है जिसने बाली गैंग के नाम से अपनी क्रिमिनल पहचान बनाई। उसने हत्या, अपहरण, सुपारी किलिंग जैसे अपराध किए और पुलिस व राजनेताओं को भी निशाना बनाया।

उसे कई बार जेल भेजा गया लेकिन वह बार-बार गैंग का पुनर्गठन करता रहा। बाली ने कई गैंगस्टरों से गठजोड़ किया और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त करने की कोशिश की। फिलहाल वह जेल में है लेकिन पुलिस उसकी गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है।


गैंगस्टर संस्कृति में बदलाव (2000 के बाद)

सोशल मीडिया का प्रयोग: नए युग के गैंगस्टर फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के जरिए प्रचार और धमकी देने लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग: कनाडा, दुबई, ऑस्ट्रेलिया से गैंग्स का संचालन। लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ जैसे अपराधी विदेशों से भारत में अपराध करवा रहे हैं।

पुलिस का जवाब: एनआईए, स्पेशल सेल, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स जैसे दस्ते बनाए गए हैं। जेलों में हाई-सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

राजनीति और अपराध का गठजोड़: अब भी कुछ गैंगस्टर पंचायत या विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करते हैं।


वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ

अपराध की डिजिटलाइजेशन: VPN, क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल बैंकिंग से अब अपराध तकनीकी रूप से अधिक जटिल हो गए हैं।

गैंगवार की घटनाएँ: जेल के अंदर और बाहर दोनों जगह गैंगवार जारी हैं।

पंजाब और हरियाणा में बढ़ती गैंगस्टर संस्कृति: युवा पीढ़ी पर गैंगस्टरों का गलत प्रभाव, खासकर पंजाबी गीतों और सोशल मीडिया के जरिए।

पुलिस का कड़ा रुख: 2023 और 2024 में कई बड़े एनकाउंटर हुए, लेकिन संगठित गिरोह अभी भी सक्रिय हैं।

भारत में गैंगस्टर संस्कृति एक गंभीर सामाजिक और कानूनी चुनौती बन चुकी है। 2000 से पहले जहां अपराधी गुप्त रूप से काम करते थे, वहीं 2000 के बाद के अपराधी सोशल मीडिया पर ‘सेलिब्रिटी क्रिमिनल’की तरह व्यवहार करते हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ इनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन गिरोहों का पुनरुत्थान और युवाओं का आकर्षण अब भी एक गंभीर चिंता का विषय है। समाज और सरकार दोनों को मिलकर इस खतरनाक प्रवृत्ति से निपटना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपराध को ‘गौरव’ नहीं बल्कि ‘गर्त’ समझें।


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