क्या है 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की 30वीं वर्षगांठ पर खास बात?
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का जश्न
मुंबई, 5 दिसंबर। 1995 में रिलीज हुई फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' ने अपने 30 साल पूरे कर लिए हैं। यह फिल्म न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर राज और सिमरन की जोड़ी को एक आइकॉनिक पहचान दिलाने में सफल रही है।
इस खास अवसर पर लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में राज और सिमरन की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस फिल्म की सफलता पर शाहरुख खान और काजोल दोनों ही बेहद उत्साहित हैं।
शाहरुख खान ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा था कि यह फिल्म इतनी बड़ी हिट होगी। उन्होंने कहा, "मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इस तरह के सिनेमा का हिस्सा बनने का मौका मिला। सच में, हम में से किसी ने भी नहीं सोचा था कि डीडीएलजे लोगों के दिलों में इतनी गहरी जगह बनाएगी। मुझे यकीन है कि आदि (आदित्य चोपड़ा) और बाकी सभी को लगा होगा कि यह एक अच्छी फिल्म होगी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।"
उन्होंने आगे कहा कि काजोल और उनके लिए यह स्टैच्यू व्यक्तिगत महत्व रखता है। यूके और लंदन ने उनके स्टारडम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
फिल्म के निर्माण के बारे में बात करते हुए, शाहरुख ने बताया कि फिल्म की शुरुआत छह युवाओं से हुई थी, जब आदित्य चोपड़ा और करण जौहर सहायक निर्देशक थे। उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड और इंग्लैंड में फिल्म की शूटिंग का अनुभव बहुत मजेदार था।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, लीसेस्टर स्क्वायर पर सम्मानित होने वाली पहली भारतीय फिल्म है। इससे पहले, 'हैरी पॉटर', 'मैरी पॉपिंस', 'पैडिंगटन', और 'सिंगिंग इन द रेन' जैसी प्रसिद्ध फिल्मों को वहां जगह मिली है।