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राजगीर में नालंदा साहित्य महोत्सव: संजय मिश्रा ने साझा की अपनी राय

राजगीर में चल रहे नालंदा साहित्य महोत्सव में अभिनेता संजय मिश्रा ने भाग लिया और राजगीर के विकास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बिहार में सिनेमा के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी पर भी चर्चा की। संजय ने इस महोत्सव की सराहना की और भविष्य में दोबारा आने की इच्छा जताई। जानें उनके अनुभव और फिल्म उद्योग के बारे में क्या कहा।
 

नालंदा साहित्य महोत्सव में संजय मिश्रा की उपस्थिति




बिहार के ऐतिहासिक स्थल राजगीर में नालंदा साहित्य महोत्सव का आयोजन चल रहा है, जिसमें अभिनेता संजय मिश्रा ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की।


संजय मिश्रा ने राजगीर और नालंदा के विकास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "नालंदा में अब आधुनिक सुविधाएं और फ्लाईओवर नजर आ रहे हैं। यह स्थान फिल्म शूटिंग के लिए बेहद आकर्षक है। यहां पहले देवानंद की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' की शूटिंग हुई थी, जो आज भी प्रेरणा देती है। मेरी फिल्म कोट भी यहीं फिल्माई गई थी। नालंदा की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व इसे फिल्म निर्माताओं के लिए आदर्श बनाते हैं।"


उन्होंने बिहार में सिनेमा के विकास पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि, "बिहार में फिल्म सिटी से ज्यादा जरूरी सिनेमा हॉल का होना है। प्रोड्यूसर फिल्म बनाकर क्या करेगा, जब उसके पास रिलीज के लिए जगह नहीं होगी? कम से कम बिहार में बनी फिल्में बिहार में ही प्रदर्शित होनी चाहिए।"


संजय ने साहित्य महोत्सव की सराहना की और कहा, "यह बिहार के लिए एक शुभ समय है कि एक अच्छी शुरुआत हो रही है। मेरे साथ एक व्यक्ति था, जो यहां की व्यवस्था और भव्यता से प्रभावित था। इसे ऐसे ही बनाए रखना चाहिए और अगले 100 सालों तक जीवित रखना चाहिए।"


अभिनेता ने महोत्सव में दोबारा आने की इच्छा भी जताई, यह कहते हुए कि यहां कोई कमी नहीं है और अगर मौका मिला तो वह जरूर आएंगे।


हाल ही में, संजय मिश्रा फिल्म दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी में दिखाई दिए, जिसमें उनके साथ अभिनेत्री महिमा चौधरी मुख्य भूमिका में थीं। यह फिल्म 19 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, लेकिन दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है।