×

बाहुबली: द एपिक - एक महाकाव्य यात्रा का पुनरावलोकन

"बाहुबली: द एपिक" एक महाकाव्य फिल्म है, जिसमें दो भागों को एक साथ प्रस्तुत किया गया है। इस नए संस्करण में कुछ दृश्य संपादित किए गए हैं, लेकिन क्या यह फिर से देखने लायक है? प्रभास और अन्य कलाकारों के अद्भुत अभिनय के साथ, यह फिल्म दर्शकों को एक नई दृष्टि में प्रस्तुत की गई है। जानें कि इस महाकाव्य गाथा में क्या नया है और क्यों इसे देखना चाहिए।
 

बाहुबली: एक महाकाव्य गाथा

"बाहुबली: द एपिक" एक भारतीय फिल्म गाथा है, जिसमें "बाहुबली: द बिगिनिंग" और "बाहुबली: द कन्क्लूजन" को एक साथ प्रस्तुत किया गया है। यह फिल्म अपनी भव्यता और शानदार दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। कई दर्शक, जो पहले इन फिल्मों को सिनेमाघरों में नहीं देख पाए थे, अब बड़े पर्दे पर इनका आनंद ले रहे हैं। यदि आप पहले से ही इन फिल्मों को देख चुके हैं, तो सवाल उठता है: क्या प्रभास की यह फिल्म फिर से देखने लायक है? क्या इसमें कुछ नए दृश्य जोड़े गए हैं? आइए, इस पर चर्चा करते हैं।


बाहुबली का नया संस्करण

इस नए संस्करण में दोनों फिल्मों को मिलाकर लगभग 80 मिनट कम किया गया है, जिससे कुल रनटाइम लगभग पांच घंटे से घटकर 3.5 घंटे रह गया है। एसएस राजामौली की इस महाकाव्य कहानी को फिर से देखने का यह एक शानदार अवसर है। हालांकि, "बाहुबली: द एपिक" का पहला भाग मूल "बाहुबली 2: द कन्क्लूजन" की लय को बनाए रखता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण दृश्य गायब होने से कहानी की गहराई कम हो गई है।


महाकाव्य कथा का सार

एसएस राजामौली ने "बाहुबली: द बिगिनिंग" (2015) और "बाहुबली 2: द कन्क्लूजन" (2017) को एक अद्भुत सिनेमाई अनुभव में पिरोया है। इस बार भी, शक्ति और भव्यता का प्रदर्शन बड़े पर्दे पर देखने को मिलता है। अमरेंद्र बाहुबली (प्रभास) एक शक्तिशाली योद्धा हैं, जो राजनीति और धोखे का शिकार होते हैं। उनके प्रिय 'मामा' कटप्पा (सत्यराज) द्वारा उनकी हत्या कर दी जाती है। यह सवाल उठता है: "कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?" यदि आपने अभी तक फिल्म नहीं देखी है, तो यह जानने का सही समय है।


महाकाव्य अभिनय

जब प्रभास युद्ध के मैदान में अपने कवच और सिंहासन के साथ कदम रखते हैं, तो उनकी उपस्थिति अद्वितीय होती है। उनकी आंखों और संवाद अदायगी ने फिल्म में जान डाल दी है। राम्या कृष्णन ने शिवगामी के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सत्यराज का कटप्पा का किरदार भी फिल्म में महत्वपूर्ण है। राणा दग्गुबाती ने दुष्ट राजा भल्लालदेव की भूमिका में दर्शकों को नफरत करने पर मजबूर कर दिया।


निर्माताओं द्वारा संपादित दृश्य

निर्माताओं ने दोनों बाहुबली फिल्मों के हर दृश्य को 'प्रतिष्ठित' माना है। लेकिन, 7 घंटे की फिल्म को 3.5 घंटे में संपादित करना एक चुनौती थी। एसएस राजामौली ने अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए उन हिस्सों को शामिल किया, जिन्हें विस्तारित रूप में आवश्यकता नहीं थी। उदाहरण के लिए, प्रभास और तमन्ना भाटिया के बीच प्रेम कहानी को संक्षिप्त किया गया है, जबकि धीवर गीत को बरकरार रखा गया है।