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फिल्मों में विवादास्पद दृश्यों का सच: फरयाल की कहानी

इस लेख में हम 70 और 80 के दशक के सिनेमा में विवादास्पद दृश्यों के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें अभिनेत्री फरयाल का अनुभव शामिल है। जानें कैसे एक दृश्य ने फिल्म के सेट पर हंगामा मचाया और फरयाल ने प्रेमनाथ के साथ काम न करने की कसम खाई। यह कहानी उस समय के सिनेमा की सोच और उसके प्रभाव को उजागर करती है।
 

70 और 80 के दशक का सिनेमा


1970 और 1980 के दशक में भारतीय सिनेमा की सोच में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा था। हालांकि, फिल्म उद्योग के जानकार मानते हैं कि फिल्मों को सफल बनाने के लिए कुछ विशेष तकनीकों का सहारा लिया जाता था। इनमें से एक तकनीक थी, ऐसे दृश्य शामिल करना जो दर्शकों को उत्तेजित करें और फिल्म में मसाला डालें।


फरयाल का विवादास्पद अनुभव

इस समय के दौरान, लगभग हर फिल्म में बलात्कार या जबरदस्ती के दृश्यों की मांग होती थी। लेकिन ये दृश्य अक्सर गंभीर समस्याएं उत्पन्न करते थे। अभिनेत्री फरयाल, जिन्होंने 60 और 70 के दशक में कई फिल्मों में काम किया, को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं उस दृश्य के बारे में जिसने फिल्म के सेट पर हंगामा खड़ा कर दिया।


प्रेमनाथ के साथ विवाद

फरयाल के लिए महंगा साबित हुआ प्रेमनाथ का दृश्य


70 के दशक में, फरयाल का नाम काफी चर्चित हुआ। जब उन्होंने नायिका के रूप में फिल्मों में कदम रखा, तो उन्हें नहीं पता था कि उन्हें नकारात्मक भूमिकाओं के प्रस्तावों की बाढ़ मिलेगी। यह कहानी 1969 की है, जब फिल्म "द गोल्ड मेडल" रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में धर्मेंद्र, जीतेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, राखी गुलज़ार और प्रेमनाथ जैसे कलाकार शामिल थे।


निर्देशक रविकांत नगाइच ने फिल्म में एक मसाला दृश्य जोड़ने का विचार किया। प्रेमनाथ, जो नकारात्मक भूमिकाएं निभाते थे, को एक दृश्य में फरयाल के साथ ज़बरदस्ती करनी थी। सेट पर सभी तैयारियां पूरी थीं। जैसे ही निर्देशक ने "एक्शन" कहा, दृश्य शुरू हुआ। प्रेमनाथ और फरयाल सोफे पर लेट गए, लेकिन जब फरयाल को एहसास हुआ कि सीन में कोई वास्तविकता नहीं है, तो वह सोच में पड़ गईं।


फरयाल की असहजता

फरयाल ने बार-बार "कट" कहा, लेकिन प्रेमनाथ नहीं रुके


जब फरयाल को सीन के दौरान असहजता महसूस हुई, तो उन्होंने सोचा कि निर्देशक से बात करनी चाहिए। लेकिन कई मिनट बीत गए और शूटिंग जारी रही। प्रेमनाथ ने उन्हें जाने नहीं दिया, मानो वह सीन को भूल गए हों। अंततः, फरयाल ने अपनी आवाज़ ऊँची की और चिल्लाई, "क्या कोई कट कहेगा?" यह सुनकर निर्देशक और जितेंद्र हंस पड़े, जिससे फरयाल और भी नाराज हो गईं।


फरयाल का निर्णय

प्रेमनाथ के साथ काम न करने की कसम


इस घटना के बाद, फरयाल बहुत दुखी हुईं, जबकि प्रेमनाथ पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने ठान लिया कि वह कभी प्रेमनाथ के साथ काम नहीं करेंगी। इस बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में भी बताया। हालांकि, कुछ समय बाद, निर्देशक ने फरयाल से माफी मांगी और उन्हें फिल्म जारी रखने के लिए मना लिया। लेकिन इतने विवाद के बावजूद, फिल्म सफल नहीं हो पाई।