क्या है बबिया का रहस्य? केरल के मंदिर में छिपा है एक अद्भुत जीव!
बबिया: एक अद्वितीय मगरमच्छ की कहानी
Love Fear Faith and Miracles
बबिया: केरल के अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर की पवित्र झील में एक अनोखा जीव निवास करता था — बबिया, जो एक पौराणिक और शाकाहारी मगरमच्छ था। कहा जाता है कि बबिया 1945 में उस झील में प्रकट हुआ, जब एक ब्रिटिश सैनिक ने मंदिर के पिछले मगरमच्छ को गोली मार दी थी। कुछ दिनों बाद, यह शांतिप्रिय जीव रहस्यमय तरीके से जलाशय में दिखाई दिया।
बबिया ने कई दशकों तक मंदिर परिसर में शांति से जीवन बिताया और अक्टूबर 2022 में लगभग 75 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़ दिया। भक्तों का मानना था कि वह साधारण मगरमच्छ नहीं, बल्कि एक दैवी रक्षक था, जो केवल मंदिर का प्रसाद—पका हुआ चावल और गुड़—ही ग्रहण करता था।
इन सात दशकों में बबिया ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। श्रद्धालु उसी जल में स्नान करते थे, जहाँ वह तैरता था। स्थानीय लोग उसे एक साधारण जीव नहीं, बल्कि श्रद्धा, शांति और दिव्यता का प्रतीक मानते थे।
यह मंदिर, जो एक झील के बीच स्थित है, तिरुवनंतपुरम के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर का मूल स्थान माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, यहीं भगवान कृष्ण एक गुफा में अंतर्धान हो गए थे, और तब से यह झील एक दैवी मगरमच्छ रक्षक द्वारा सुरक्षित मानी जाती है।
पुजारियों का कहना है कि झील में एक समय में केवल एक ही मगरमच्छ रहता है। जैसे ही एक मगरमच्छ का निधन होता है, रहस्यमय तरीके से एक नया मगरमच्छ प्रकट हो जाता है — न कोई जानता है कि वह कहाँ से आता है, न यह कि उसे कौन नाम देता है। यह चक्र आज तक एक रहस्य बना हुआ है — एक जाता है तो दूसरा अवश्य आता है।
बबिया की शांत स्वभाव की वजह उसके विशेष स्वभाव या मंदिर के वातावरण में अनुकूलन हो सकता है। महाविष्णु मंदिर की झील में उसका निवास हमें भागवत पुराण की गजेन्द्र मोक्ष की कथा की याद दिलाता है।
सनातन संस्कृति में ऐसे अद्वितीय जीवों को अक्सर अवतार या रक्षक माना जाता है, जो सामान्य जीव विज्ञान से परे होते हैं। विशेष रूप से बबिया को दैवी ऊर्जा की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति माना गया। इस मंदिर का चमत्कार यही है — कि प्रकृति में सब कुछ संभव है, यदि आस्था हो।
यदि आप ईश्वर के चमत्कारों का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर अवश्य जाएँ — जहाँ आप एक ही स्थान पर भय और प्रेम, दोनों को महसूस कर सकते हैं।
( लेखक लाइफ़ एंड डिवाइन मेंटर व द इंडियन स्कूल ऑफ नेचुरल स्पिरिचुअल साइंसेज़ के संस्थापक हैं।)