क्या फिर से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगी 'बाहुबली: द एपिक'? जानें पहले दिन की कमाई!
एस.एस. राजामौली का योगदान
एस.एस. राजामौली को उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय सिनेमा को लोकप्रिय बनाने में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है। पहले, दक्षिण भारतीय फ़िल्में उत्तर भारत में ज्यादा सफल नहीं हो पाती थीं। लेकिन 2015 में जब उन्होंने "बाहुबली" का प्रदर्शन किया, तो सब कुछ बदल गया। इस फ़िल्म ने दर्शकों की दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में रुचि को बढ़ाया, जो बाद में बॉलीवुड पर भी छा गईं।
बाहुबली का पुनः प्रदर्शन
एस.एस. राजामौली की महाकाव्य 'बाहुबली' फिर से सिनेमाघरों में
प्रशंसकों की 'बाहुबली' के प्रति दीवानगी का अंदाजा लगाना कठिन है। 10 साल पहले इस फ़िल्म ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था। 'बाहुबली' के दोनों भागों ने वैश्विक स्तर पर शानदार कमाई की थी। अब, एक दशक बाद, राजामौली इसे फिर से सिनेमाघरों में लेकर आए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने दोनों भागों को मिलाकर एक नई फ़िल्म 'बाहुबली: द एपिक' बनाई है।
पहले दिन की कमाई
प्रशंसक इस फ़िल्म को फिर से देखने के लिए पहले से ही उत्साहित थे। नतीजतन, जब एडवांस बुकिंग शुरू हुई, तो हैदराबाद में शो हाउसफुल हो गए। 'बाहुबली: द एपिक' 31 अक्टूबर को रिलीज़ हुई, लेकिन निर्माताओं ने 30 अक्टूबर को तेलुगु दर्शकों के लिए एक विशेष शो रखा, जिसे शानदार प्रतिक्रिया मिली।
पहले दिन का कलेक्शन
SacNilk की रिपोर्ट के अनुसार, 'बाहुबली: द एपिक' ने पहले दिन भारत में ₹9.25 करोड़ की कमाई की। विशेष स्क्रीनिंग से इसे ₹1.15 करोड़ और मिले, जिससे पहले दिन की कुल कमाई ₹10.4 करोड़ हो गई। हालांकि, ये आंकड़े अभी अंतिम नहीं हैं। हिंदी में इसने लगभग ₹1.25-1.50 करोड़ कमाए। विश्व स्तर पर पहले दिन का कुल कलेक्शन ₹14 करोड़ रहा। तेलुगु वर्ज़न ने सबसे अधिक दर्शकों को आकर्षित किया, जिसमें 63.63% ऑक्यूपेंसी रही, जबकि हिंदी वर्ज़न में केवल 12% ऑक्यूपेंसी थी। वीकेंड के शुरू होने के साथ, 'बाहुबली: द एपिक' की कमाई में वृद्धि की उम्मीद है। यह फ़िल्म लगभग 3.45 घंटे लंबी है और सोशल मीडिया पर इसे सकारात्मक समीक्षाएं मिल रही हैं। प्रशंसकों का मानना है कि 10 साल बाद भी राजामौली की 'बाहुबली' का जादू बरकरार है।