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कुब्रा सैत ने फिटनेस की नई परिभाषा बताई: असली तंदुरुस्ती मन से शुरू होती है!

अभिनेत्री कुब्रा सैत ने फिटनेस की नई परिभाषा प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है। उनका मानना है कि असली तंदुरुस्ती मन से शुरू होती है और यह केवल बाहरी दिखावे से नहीं जुड़ी है। कुब्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध का एहसास हुआ। जानें उनके विचार और फिटनेस के प्रति उनकी नई सोच के बारे में।
 

फिटनेस का असली मतलब क्या है?




मुंबई, 30 दिसंबर। आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग जिम, डाइट और सोशल मीडिया के फिटनेस ट्रेंड्स में इतने खो गए हैं कि असली स्वास्थ्य का अर्थ भूल गए हैं। इस संदर्भ में, अभिनेत्री कुब्रा सैत ने अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि फिटनेस का असली अर्थ केवल वजन घटाना या मांसपेशियों का निर्माण नहीं है, बल्कि मानसिक मजबूती और आत्म-जागरूकता भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


कुब्रा ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "मेरी फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति सोच समय के साथ पूरी तरह बदल गई है। पहले मैं केवल बाहरी सुंदरता और शरीर की आकृति को लेकर चिंतित रहती थी, लेकिन अब मेरा ध्यान मानसिक स्वास्थ्य पर है। असली तंदुरुस्ती मन से शुरू होती है। यदि मन संतुलित और मजबूत है, तो शरीर अपने आप स्वस्थ रहता है।"


उन्होंने आगे कहा, "आज के समय में सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग दिखावे और बाहरी रूप पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। हम सभी फिटनेस टिप्स और ट्रेंड्स से घिरे हुए हैं, लेकिन इस सबके बीच हम यह भूल जाते हैं कि हर शरीर अलग होता है। खुद पर जो दबाव हम डालते हैं, वह अच्छा दिखने के लिए होता है, न कि सच में अच्छा महसूस करने के लिए। मेरे लिए फिटनेस का मतलब एक स्वस्थ मन है, जो शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।"


कोविड-19 महामारी के दौरान फिटनेस यात्रा में आए बदलाव के बारे में कुब्रा ने बताया कि उस समय उन्हें यह एहसास हुआ कि मानसिक स्वास्थ्य, हार्मोन और शरीर के कार्यों का आपस में कितना गहरा संबंध है।


उन्होंने कहा, "कोविड के दौरान मैंने समझा कि हमारा शरीर किस प्रकार डोपामिन, सेरोटोनिन, एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे रसायनों से जुड़ा होता है, जिन्हें हमारा मस्तिष्क नियंत्रित करता है। यदि मानसिक संतुलन न हो, तो इसका प्रभाव तुरंत शरीर पर दिखाई देता है।"


कुब्रा ने कहा, "तनाव केवल दिमाग तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह सीधे शरीर को भी प्रभावित करता है। तनाव से कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, और जब कॉर्टिसोल बढ़ता है, तो शरीर को वजन कम करने या स्वस्थ रहने में कठिनाई होती है। इसलिए मानसिक मजबूती फिटनेस की पहली और सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है।"


कुब्रा अनुशासन को फिटनेस और तंदुरुस्ती की असली कुंजी मानती हैं। उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य कोई मंजिल नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी बाहरी रूप या ट्रेंड का पालन करें, बल्कि यह कि आप मानसिक और शारीरिक रूप से अपने जीवन में पूरी तरह उपस्थित रहें।"


उन्होंने कहा, "यदि हम अपने मन पर ध्यान दें और मन और शरीर दोनों के साथ अनुशासित रहें, तो यही सही संतुलन है। हमारे चारों ओर चाहे माहौल कितना भी तनावपूर्ण क्यों न हो, यदि मन मजबूत है, तो शरीर भी स्वस्थ रहता है।"


कुब्रा ने कहा, "अच्छी फिटनेस न उम्र से निर्धारित होती है, न शरीर के आकार से और न ही समाज की अपेक्षाओं से। असली फिटनेस का मतलब भीतर की मजबूती और मानसिक संतुलन है। जब मन का ख्याल रखा जाता है, तो शरीर अपने आप साथ देता है।"