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इमरान हाशमी की फिल्म 'हक़': क्या है शाह बानो केस का सच?

इमरान हाशमी अपनी नई फिल्म 'हक़' में एक अलग अंदाज में नजर आएंगे, जो शाह बानो केस पर आधारित है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है, और इसे लेकर मिली प्रतिक्रियाओं पर इमरान ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि फिल्म किसी विशेष समुदाय को बदनाम नहीं करती, बल्कि एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। जानें इमरान की व्यक्तिगत जिंदगी और फिल्म के महत्व के बारे में।
 

इमरान हाशमी का नया अवतार


इमरान हाशमी अपनी आगामी फिल्म 'हक़' में एक नए रूप में दिखाई देंगे। यह फिल्म प्रसिद्ध शाह बानो केस पर आधारित है, और इसका ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया है। कुछ दर्शक इसकी सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे आलोचना का विषय मानते हैं, यह कहते हुए कि फिल्म मुसलमानों की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। इस पर इमरान हाशमी ने अपनी राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि फिल्म किसी विशेष समुदाय को बदनाम नहीं करती, बल्कि एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।


फिल्म पर मिली प्रतिक्रियाएँ

इमरान हाशमी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैंने स्क्रिप्ट को पढ़ा और इसे एक रचनात्मक अभिनेता के दृष्टिकोण से देखा। यह पहली बार है जब मैंने अपने समुदाय के प्रति संवेदनशीलता को महसूस किया। मुझे जानकारी इकट्ठा करनी पड़ी और एक अलग दृष्टिकोण से इसका विश्लेषण करना पड़ा। इस फिल्म ने मुझे यह दिखाया कि दृष्टिकोण संतुलित है। इसलिए, हम किसी विशेष समुदाय पर उंगली उठाने वाली बातों पर चर्चा नहीं कर रहे हैं।"


फिल्म के दृष्टिकोण पर इमरान का विश्वास

इमरान ने आगे कहा, "मुझे नहीं पता लोग क्या कहेंगे, लेकिन एक उदार मुसलमान के रूप में, मैं कह सकता हूँ कि मुझे फिल्म के दृष्टिकोण से कोई समस्या नहीं है। हम किसी समुदाय की छवि को खराब नहीं कर रहे हैं। अगर ऐसा होता, तो मैं यह फिल्म नहीं करता।"


व्यक्तिगत जीवन का प्रभाव

इमरान ने यह भी बताया, "मैंने परवीन से शादी की, जो एक हिंदू हैं, यह दिखाने के लिए कि मैं किस तरह का मुसलमान हूँ। मेरा परिवार और मेरे बेटे भी पूजा-पाठ करते हैं। मेरी परवरिश एक धर्मनिरपेक्ष माहौल में हुई है, इसलिए मैं इस फिल्म को अपने दृष्टिकोण से देख रहा हूँ। हर कोई इसे अपनी धार्मिक मान्यताओं और परिवेश के अनुसार देखता है।"


फिल्म की जानकारी

फिल्म 'हक़' का निर्देशन सुपर्ण एस. वर्मा ने किया है। इसमें इमरान हाशमी और यामी गौतम के अलावा वर्तिका सिंह, दानिश हुसैन, शीबा चड्ढा और असीम हट्टंगड़ी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 7 नवंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है।


शाह बानो केस का महत्व

शाह बानो केस को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। इंदौर की 62 वर्षीय शाह बानो को उनके पति मोहम्मद अहमद खान ने 40 साल की शादी के बाद तलाक दे दिया था। उन्होंने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता पाने के लिए मुकदमा दायर किया था। यह कानून भारत के सभी नागरिकों पर लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे कई लोगों ने सराहा, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया, यह कहते हुए कि यह इस्लामी पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करता है।