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अनुराधा पौडवाल: सिंगिंग की दुनिया की एक अनोखी आवाज

अनुराधा पौडवाल, जिनकी आवाज ने बॉलीवुड में एक खास पहचान बनाई है, आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं। जानें उनके जीवन की अनोखी कहानियाँ, करियर की शुरुआत, और भक्ति संगीत में उनके योगदान के बारे में। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें बिना औपचारिक प्रशिक्षण के भी सफलता दिलाई।
 

अनुराधा पौडवाल का जन्मदिन

बॉलीवुड में कई ऐसे गायक हैं जिन्होंने अपनी आवाज से लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। इनमें से कुछ ने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के अपनी कला से नाम कमाया है। अनुराधा पौडवाल भी ऐसे ही कलाकारों में से एक हैं। उनकी आवाज में एक अनोखी मिठास और शक्ति है, जो हर उम्र के लोगों को आकर्षित करती है। आज, 27 अक्टूबर को, सिंगर अनुराधा पौडवाल अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...


जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को कर्नाटक के कारवार जिले में हुआ था, लेकिन उनका बचपन मुंबई में बीता। उनका असली नाम अलका नाडकर्णी था, जिसे उन्होंने शादी के बाद बदलकर अनुराधा पौडवाल रख लिया। बचपन से ही उन्हें संगीत में रुचि थी, हालांकि उन्हें क्लासिकल प्रशिक्षण का अवसर नहीं मिला। उन्होंने लता मंगेशकर के गानों को सुनकर अपनी कला को निखारा। उनकी आवाज में एक विशेष मिठास थी, जो सभी को भाती थी।


संगीत करियर की शुरुआत

अनुराधा पौडवाल ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'अभिमान' से की, जिसमें उन्होंने जया भादुरी के लिए गाना गाया था। हालांकि यह गाना छोटा था, लेकिन इसी से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद, उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा और उनकी आवाज लगभग हर प्रमुख फिल्म में सुनाई देने लगी। उन्होंने 'उधार का सिंदूर', 'लैला मजनू', 'जानेमन', 'सरगम', और 'एक ही रिश्ता' जैसी कई फिल्मों में गाने गाए, जो सभी सुपरहिट रहे।


फिल्मफेयर अवार्ड्स और रियाज

1990 में, अनुराधा पौडवाल ने 'आशिकी', 'बेटा', और 'दिल है कि मानता नहीं' जैसी फिल्मों के लिए गाने गाए। इसके लिए उन्होंने लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवार्ड जीते, यह साबित करते हुए कि बिना क्लासिकल ट्रेनिंग के भी मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी कलाकार लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। उनका रियाज भी अनोखा था; वह लता मंगेशकर के गानों को सुनकर अपनी आवाज में सुधार करती थीं। धीरे-धीरे उनकी आवाज इतनी पहचानने योग्य हो गई कि लोग उन्हें सुनते ही पहचान लेते थे।


भक्ति संगीत में योगदान

अनुराधा पौडवाल ने लगभग 554 फिल्मों में गाने गाए और हिंदी के अलावा पंजाबी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु और नेपाली भाषाओं में भी अपनी आवाज दी। उन्होंने न केवल फिल्मी गाने गाए, बल्कि भक्ति संगीत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के साथ उनके भक्ति एल्बम बेहद लोकप्रिय हुए।