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क्या है ट्राइकोटिलोमेनिया? जानें इसके लक्षण और उपचार

ट्राइकोटिलोमेनिया एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति तनाव के समय अपने बालों को नोचता है। यह समस्या धीरे-धीरे गंभीर हो सकती है। जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार के उपाय। क्या आप जानते हैं कि इस विकार से कैसे निपटा जा सकता है? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
 

ट्राइकोटिलोमेनिया: एक अनोखी मानसिक बीमारी

Trichotillomania

Trichotillomania

ट्राइकोटिलोमेनिया: तनाव और चिंता के बारे में तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कुछ लोग अपने सिर के बाल खुद ही नोचकर खा जाते हैं? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह एक वास्तविक मानसिक विकार है, जिसे ट्राइकोटिलोमेनिया कहा जाता है। यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और समय के साथ गंभीर हो सकती है।


ट्राइकोटिलोमेनिया क्या है?

ट्राइकोटिलोमेनिया एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति तनाव, चिंता या बेचैनी के समय अपने बालों को खींचने लगता है। शुरुआत में यह आदत मामूली लगती है, लेकिन यह धीरे-धीरे एक बाध्यकारी व्यवहार में बदल जाती है। व्यक्ति को बार-बार बाल खींचने की इच्छा होती है, और कभी-कभी वह नोचे हुए बालों को खा भी लेता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।


इस बीमारी के लक्षण

ट्राइकोटिलोमेनिया को पहचानना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण प्रारंभ में सामान्य प्रतीत होते हैं। लेकिन निम्नलिखित लक्षण इस विकार की ओर इशारा करते हैं:



  • सिर या दाढ़ी में गंजेपन के धब्बे

  • बार-बार बाल खींचने की तीव्र इच्छा

  • बाल नोचने के बाद पछतावा, लेकिन रोक नहीं पाना

  • पेट में दर्द या उल्टी (बाल खाने के कारण)

  • अकेलापन या शर्मिंदगी का अनुभव


इस बीमारी के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्राइकोटिलोमेनिया का संबंध तनाव, चिंता, अवसाद और बचपन के मानसिक आघातों से होता है। मस्तिष्क में कुछ रासायनिक तत्वों (जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन) का असंतुलन भी इस समस्या को जन्म दे सकता है।


कई मामलों में, यह समस्या वंशानुगत भी हो सकती है। यदि माता-पिता को यह विकार है, तो बच्चों में इसके विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।


इस बीमारी के खतरे

ट्राइकोटिलोमेनिया से केवल बालों का झड़ना ही नहीं होता, बल्कि सिर की त्वचा में संक्रमण का खतरा भी रहता है। यदि व्यक्ति बाल खा लेता है, तो पेट में बालों की गेंद (trichobezoar) बन सकती है, जिसे कभी-कभी सर्जरी से निकालना पड़ता है। इसके अलावा, मरीज धीरे-धीरे अकेलेपन और आत्मग्लानि का सामना करने लगता है।


इलाज और राहत के उपाय


  • ट्राइकोटिलोमेनिया का उपचार संभव है। इसके लिए सबसे पहले मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

  • डॉक्टर तनाव को कम करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी (CBT) का उपयोग करते हैं।

  • मरीज को रिलैक्सेशन, ध्यान और योग की सलाह दी जाती है।

  • जरूरत पड़ने पर दवाओं का भी प्रयोग किया जा सकता है।