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रेडियो के बादशाह अमीन सयानी की जयंती: किशोर कुमार से 18 साल की दूरी और फिर दोस्ती की कहानी

रेडियो के दिग्गज अमीन सयानी की जयंती 21 दिसंबर को है। उनकी मधुर आवाज और 'बिनाका गीतमाला' जैसे कार्यक्रमों ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। किशोर कुमार के साथ उनकी दोस्ती और 18 साल की दूरी की कहानी भी दिलचस्प है। जानें कैसे दोनों ने फिर से दोस्ती की और एक साथ काम किया।
 

अमीन सयानी का जयंती विशेष




मुंबई, 20 दिसंबर। रेडियो के दिग्गज अमीन सयानी की जयंती 21 दिसंबर को मनाई जाएगी। उनकी मधुर आवाज और अनोखी शैली ने लाखों श्रोताओं के दिलों में एक खास जगह बनाई। अमीन ने न केवल भारत में बल्कि पूरे एशिया में अपनी पहचान बनाई।


उनका सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रम 'बिनाका गीतमाला' था, जो 1952 से शुरू होकर 42 वर्षों तक चला। यह शो हिंदी फिल्म संगीत की हिट लिस्ट को प्रस्तुत करता था। रेडियो सीलोन (अब श्रीलंका) से प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम इतना लोकप्रिय था कि हर हफ्ते हजारों पत्र आते थे। अमीन ने 50,000 से अधिक रेडियो कार्यक्रमों का संचालन किया।


एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके करियर की शुरुआत 9 साल की उम्र में हुई, जब उनके भाई हमीद सयानी उन्हें ऑल इंडिया रेडियो के बॉम्बे स्टेशन ले गए। 1952 में 'बिनाका गीतमाला' की शुरुआत के साथ वे घर-घर में मशहूर हो गए। उनकी आवाज में गर्माहट और श्रोताओं से सीधा संवाद करने की कला ने उन्हें अद्वितीय बना दिया।


अमीन सयानी और किशोर कुमार की दोस्ती भी काफी चर्चित थी। दोनों कॉलेज के साथी थे। एक बार अमीन ने बताया कि 'गीतमाला' में किशोर का गाना टॉप पर था और उन्हें कॉलेज के एनुअल प्रोग्राम के लिए बुलाना था। जब अमीन ने फोन किया, तो किशोर ने कहा कि वह तब आएंगे जब अमीन वहां पहुंचेंगे।


इस बात से अमीन को बहुत बुरा लगा और उन्होंने किशोर से 18 साल तक बात नहीं की। फिर एक दिन किशोर ने फोन किया कि उनकी फिल्म के लिए इंटरव्यू करना है। अमीन ने कहा, 'ठीक है, आ जाओ।' जब किशोर स्टूडियो में आए, तो अमीन ने मजाक में कहा कि उन्होंने बाहर दो पहलवान खड़े कर दिए हैं जो उन्हें जाने नहीं देंगे।


किशोर पहले डर गए, लेकिन फिर हंस पड़े और कहा, 'चलो, एक और प्रोग्राम रिकॉर्ड कर लेते हैं।' उस प्रोग्राम में किशोर ने चार अलग-अलग आवाजें निकालीं, जो श्रोताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुईं।