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पुरुषों की असुरक्षा: पत्नी की सफलता से क्यों होते हैं परेशान?

आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन कुछ पुरुष अपनी पत्नियों की सफलता से असुरक्षित महसूस करते हैं। यह असुरक्षा कई कारणों से उत्पन्न होती है, जैसे पहचान का संकट, सामाजिक दबाव, और भविष्य की चिंता। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों कुछ पुरुष इस स्थिति में असहज होते हैं और इसे कैसे संभाल सकते हैं। एक-दूसरे का समर्थन करना और संवाद करना इस समस्या का समाधान हो सकता है।
 

पुरुषों की असुरक्षा की मनोविज्ञान

Male Insecurity Psychology  (Social media)

Male Insecurity Psychology  (Social media)

पुरुषों की असुरक्षा की मनोविज्ञान: आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं और कई बार अपने पतियों से भी अधिक सफल हो जाती हैं। इस स्थिति में, कुछ पति अपनी पत्नियों की सफलता से खुश होने के बजाय असहज महसूस करते हैं। इसे अक्सर पुरुषों के अहंकार से जोड़ा जाता है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कहीं अधिक जटिल है। आइए जानते हैं कि क्यों कुछ पुरुष अपनी पत्नियों की उपलब्धियों से असुरक्षित महसूस करते हैं।


पहचान का संकट

बचपन से ही पुरुषों को यह सिखाया जाता है कि वे परिवार के मुखिया हैं। जब उनकी पत्नी उनसे अधिक कमाने लगती है या समाज में अधिक पहचान बनाती है, तो उन्हें लगता है कि उनकी अहमियत कम हो गई है। यह भावना उनके आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती है।


तुलना और सामाजिक दबाव

कई पुरुषों को यह चिंता सताने लगती है कि लोग क्या कहेंगे। दोस्त या रिश्तेदार यह न कह दें कि “बीवी आगे निकल गई।” इस सामाजिक दबाव और तुलना की भावना से वे खुद को कमतर समझने लगते हैं।


कंट्रोल खोने का डर

यदि पति हमेशा से घर के निर्णय लेने वाले रहे हैं, तो पत्नी की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि अब घर में उनकी बात नहीं चलेगी। उन्हें यह भी लग सकता है कि उनका नियंत्रण कम हो रहा है।


इनसिक्योरिटी और आत्म-सम्मान में गिरावट

यदि पति का करियर सही दिशा में नहीं जा रहा है या वह पहले से ही तनाव में है, तो पत्नी की सफलता उसे अपनी असफलता का एहसास दिला सकती है। इससे उसे लगने लगता है कि वह अपनी पत्नी के लायक नहीं रहा, जिससे रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है।


भविष्य की चिंता

कुछ पुरुष यह सोचकर भी परेशान हो जाते हैं कि अगर पत्नी इतनी सफल हो गई तो क्या वह उसे छोड़ देगी? या क्या वह अब पहले जैसी नहीं रहेगी? इन आशंकाओं से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है।


क्या करें?

एक-दूसरे को समर्थन दें, संवाद करें और समझें कि पति-पत्नी प्रतियोगी नहीं, बल्कि एक टीम हैं। समाज की सोच को बदलना आवश्यक है। पत्नी की सफलता को गर्व के साथ स्वीकार करें, न कि असुरक्षा के रूप में। तभी रिश्ता मजबूत बना रहेगा।