सुरेश ओबेरॉय: संघर्ष से सफलता की कहानी, जानें उनके जीवन के अनकहे पहलू
सुरेश ओबेरॉय का संघर्ष और सफलता
मुंबई, 16 दिसंबर। दमदार आवाज और बेहतरीन अभिनय के लिए मशहूर अभिनेता सुरेश ओबेरॉय की कहानी प्रेरणादायक है। संघर्षों से भरे जीवन में उन्होंने हीरो, विलेन और सहायक भूमिकाओं में अपनी छाप छोड़ी है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सुरेश ओबेरॉय केवल 400 रुपए लेकर मुंबई आए थे, जब उनके मन में हीरो बनने का सपना था।
17 दिसंबर 1946 को क्वेटा (जो अब पाकिस्तान है) में जन्मे सुरेश ओबेरॉय का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। विभाजन के समय उनका परिवार भारत आया, जब वह केवल एक साल के थे। उनके पिता, आनंद सरूप ओबेरॉय, रियल एस्टेट में काम करते थे, लेकिन भारत आने पर उन्हें अपनी संपत्ति छोड़नी पड़ी। परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
एक साक्षात्कार में सुरेश ने विभाजन के समय के दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि जब उनका परिवार भारत आया, तब उनकी उम्र केवल एक साल थी। उनके पिता का व्यवसाय अच्छा था, लेकिन विभाजन के बाद सब कुछ खत्म हो गया। चार भाई-बहनों के साथ परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें चीनी और रोटी पर निर्भर रहना पड़ा। अंततः उनके पिता ने हिम्मत दिखाई और पाकिस्तान जाकर अपनी संपत्ति बेची, जिससे परिवार को हैदराबाद में बसने का मौका मिला।
सुरेश के पिता ने मेडिकल स्टोर्स की एक श्रृंखला शुरू की, जिससे परिवार की स्थिति में सुधार हुआ। धीरे-धीरे उन्होंने बंगला और गाड़ी भी खरीदी। सुरेश और उनके भाई-बहनों ने अपनी पढ़ाई पूरी की।
सुरेश को बचपन से ही अभिनय का शौक था। उन्होंने हीरो बनने का सपना देखा, लेकिन यह आसान नहीं था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेडियो शो से की, जहां उनकी आवाज ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया। इसके बाद उन्होंने थिएटर में काम किया और पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) से प्रशिक्षण लिया।
साल 1977 में फिल्म 'जीवन मुक्त' से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती फिल्मों में लीड रोल्स किए, लेकिन असली पहचान उन्हें सपोर्टिंग और नेगेटिव किरदारों से मिली। उन्होंने 'लावारिस', 'नमक हलाल', 'विधाता', 'राजा हिंदुस्तानी', 'गदर: एक प्रेम कथा', और 'कबीर सिंह' जैसी 100 से अधिक फिल्मों में शानदार प्रदर्शन किया।
सुरेश ओबेरॉय को 1987 में फिल्म 'मिर्च मसाला' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इसके अलावा, उन्होंने कई टीवी शो जैसे 'धड़कन' और 'कश्मीर' में भी काम किया।
वर्तमान में, सुरेश ओबेरॉय फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। उन्होंने 2019 में 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' और 'कबीर सिंह' में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। हाल ही में, 2023 में आई रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' में उनके प्रदर्शन की सराहना की गई।
सुरेश ओबेरॉय ने यशोधरा से शादी की है, जो एक पंजाबी परिवार से हैं। उनके दो बच्चे हैं, बेटे विवेक ओबेरॉय जो खुद एक अभिनेता हैं और बेटी मेघना ओबेरॉय।