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शत्रुघ्न सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी भावभीनी श्रद्धांजलि, मैथिली ठाकुर ने गाई उनकी प्रेरणादायक कविता

शत्रुघ्न सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए, जिसमें वाजपेयी जी को गुरु और पिता समान बताया। इस अवसर पर मैथिली ठाकुर ने भी उनकी प्रेरणादायक कविता 'हार नहीं मानूंगा' गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी वाजपेयी जी को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा। जानें इस भावुक पल के बारे में और अधिक।
 

शत्रुघ्न सिन्हा का श्रद्धांजलि संदेश




मुंबई, 25 दिसंबर। भारतीय सिनेमा और राजनीति के क्षेत्र में शत्रुघ्न सिन्हा का नाम हमेशा आदर के साथ लिया जाता है। वह न केवल एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं, बल्कि राजनीति में भी उनकी सक्रियता लंबे समय से जारी है। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किए हैं और आज भी समाज और कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए हैं।


गुरुवार को, शत्रुघ्न सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा कीं।


उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट में अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, "भारत रत्न, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति दिल से सम्मान और पुष्पांजलि। हम उन्हें हमेशा आभार के साथ याद करेंगे।"


तृणमूल कांग्रेस के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा, ''वह हमारे लिए केवल नेता नहीं, बल्कि गुरु और पिता समान थे। उनकी बोलने की कला अद्वितीय थी। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी। उनके परिवार, शुभचिंतकों और समर्थकों को मेरा सम्मान। अटलजी अमर रहें।"


इस अवसर पर, लोकगायिका और बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक मैथिली ठाकुर ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनकी एक कविता पढ़कर श्रद्धांजलि दी। मैथिली ठाकुर ने वाजपेयी जी की 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा' कविता को अपने विशेष अंदाज में गाया।


इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया पर अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। उन्होंने लिखा, "देशवासियों के हृदय में बसे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। वे एक प्रखर वक्ता और ओजस्वी कवि के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए मार्गदर्शक बना रहेगा।"