पंजाबी सिनेमा की दिग्गज प्रीति सप्रू: बॉलीवुड में क्यों नहीं चमका सितारा?
प्रीति सप्रू: एक अदाकारा की कहानी
मुंबई, 23 दिसंबर। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा प्रीति सप्रू का नाम सुनते ही उनकी मुस्कान और अदाकारी की छवि सामने आती है। उन्होंने लाखों दर्शकों का दिल जीता है और आज भी निर्देशन और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। प्रीति ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए एक्टिंग को अपना करियर बनाया और बॉलीवुड के साथ-साथ पॉलीवुड में भी अपनी छाप छोड़ी है।
24 दिसंबर 1957 को मुंबई में जन्मी प्रीति एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता, डी.के. सप्रू, एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जबकि उनकी मां हेमवती और भाई तेज सप्रू भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। प्रीति ने बॉलीवुड में कई दिग्गज सितारों जैसे अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार के साथ काम किया, लेकिन असली पहचान उन्हें पंजाबी सिनेमा से मिली। 'उचा दर बाबे नानक दा', 'निम्मो', और 'यारी जट्ट दी' जैसी हिट फिल्मों ने उन्हें पॉलीवुड की सुपरस्टार बना दिया।
प्रीति ने महज 13 साल की उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। उनका बॉलीवुड करियर 1979 में 'हबारी' फिल्म से शुरू हुआ, जिसके बाद उन्होंने 'लावारिस', 'अवतार', 'तहखाना', और 'आज का अर्जुन' जैसी कई फिल्मों में काम किया।
रामसे ब्रदर्स की हॉरर फिल्म 'तहखाना' में उनका किरदार 'हीरा' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रहा। इस फिल्म में उनका साहसी और रहस्यमय रोल दर्शकों को भा गया।
हालांकि, प्रीति को बॉलीवुड में ज्यादातर सहायक भूमिकाएं ही मिलीं, जिससे उनका करियर ज्यादा नहीं चमका। लेकिन पंजाबी सिनेमा में उन्होंने जो सफलता हासिल की, वह अद्वितीय है।
1980 के दशक में पंजाबी फिल्मों की ओर रुख करते हुए, प्रीति ने 'उचा दर बाबे नानक दा', 'कुर्बानी जट्ट दी', और 'तेरी मेरी गल बन गई' जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। उनके साथ वीरेंद्र और गुरदास मान जैसे सितारों की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
प्रीति सप्रू केवल एक अदाकारा नहीं, बल्कि एक सफल निर्देशक, लेखिका और प्रोड्यूसर भी हैं। उन्होंने 'कुर्बानी जट्ट दी' का निर्देशन और लेखन किया, जो एक बड़ी हिट साबित हुई।
अभिनय के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1995 में पंजाब स्टेट अवॉर्ड बेस्ट एक्ट्रेस और 1998 में महिला शिरोमणि शामिल हैं।
प्रीति ने आर्किटेक्ट और फिल्म प्रोड्यूसर उपवन सुदारशन अहलूवालिया से विवाह किया है और उनकी जुड़वां बेटियां रिया और रेने वालिया हैं, जो 'तेरी मेरी गल बन गई' फिल्म से डेब्यू कर चुकी हैं। प्रीति सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं और 2014 में भाजपा में शामिल हुईं। वह पंजाब में नशे की समस्या के खिलाफ अभियान चलाती हैं और अक्सर राजनीतिक रैलियों में नजर आती हैं।