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पंजाबी संगीत के उस्ताद पूरन शाह कोटी का अंतिम विदाई: संगीत जगत में शोक की लहर

पंजाबी संगीत के उस्ताद पूरन शाह कोटी का निधन 22 दिसंबर को हुआ, जिसके बाद उनकी अंतिम अरदास जालंधर में आयोजित की गई। इस अवसर पर कई प्रमुख कलाकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उस्ताद ने न केवल गायकी सिखाई, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का कार्य भी किया। उनके योगदान को याद करते हुए कलाकारों ने कहा कि उनका नाम कभी नहीं मिटेगा। जानें इस महान गुरु के बारे में और उनके संगीत जगत में योगदान के बारे में।
 

उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास




चंडीगढ़, 30 दिसंबर। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गायक मास्टर सलीम के पिता, उस्ताद पूरन शाह कोटी की अंतिम अरदास जालंधर के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आयोजित की गई। 22 दिसंबर को 72 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।


इस अंतिम अरदास में पंजाबी संगीत के कई प्रमुख कलाकार शामिल हुए, जिनमें हंसराज हंस, मंगी महल, राज जुझार, जैजी बी और अन्य शामिल थे।


पंजाबी गायक बूटा मोहम्मद ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ''उस्ताद पूरन शाह कोटी जैसा गुरु फिर कभी नहीं मिलेगा। उन्होंने न केवल गायिकी सिखाई, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का भी कार्य किया।''


इस अवसर पर कलाकारों ने उस्ताद के योगदान को याद करते हुए बताया कि उन्होंने पंजाबी संगीत जगत को कई सितारे दिए। मास्टर सलीम, हंसराज हंस, जसबीर जस्सी, और बब्बू मान जैसे गायकों ने उनके मार्गदर्शन में अपनी कला को निखारा।


पंजाबी गायक राय जुझार ने कहा, ''यह समय परिवार के साथ बिताने का है, लेकिन वाहेगुरु जिसको जितनी सांसें देता है, वो उतनी ही जीता है।''


कलेर कंठ ने कहा, ''उस्ताद पूरन शाह कोटी का नाम कभी नहीं मिटेगा।''


सुक्खी बराड़ ने उन्हें 'सुरों का सिकंदर' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में संगीत को सर्वोच्च सम्मान दिया।


पूरन शाह कोटी का योगदान पंजाबी संगीत में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने मास्टर सलीम को बचपन से ही संगीत के प्रति प्रेरित किया और हर कठिनाई में उनका हौसला बढ़ाया। मास्टर सलीम ने कई बार कहा है कि उनके पिता का आशीर्वाद ही उनकी सफलता का मुख्य कारण है।


उस्ताद पूरन शाह कोटी ने कई दिग्गज गायकों को प्रशिक्षित किया, जिनमें हंसराज हंस और जसबीर जस्सी शामिल हैं। उन्होंने बब्बू मान को भी शुरुआती दौर में मार्गदर्शन दिया, जिससे उन्हें पहचान मिली।


पूरन शाह कोटी का जीवन और उनके संगीत में योगदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, और उनके द्वारा प्रशिक्षित कलाकार उनकी विरासत को आगे बढ़ाते रहेंगे।