ट्विंकल खन्ना: एक अभिनेत्री से सफल लेखिका बनने की प्रेरणादायक यात्रा
ट्विंकल खन्ना का सफर
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। बॉलीवुड की चमक-दमक में कुछ ऐसे चेहरे होते हैं, जो अपने निर्णयों की स्पष्टता से पहचान बनाते हैं। आज, वे कैमरे के सामने नहीं, बल्कि शब्दों के माध्यम से किरदारों को जीवंत करती हैं। यह कहानी है ट्विंकल खन्ना की, जिन्होंने एक अभिनेत्री से लेखिका बनने तक का सफर तय किया है, जहां उन्होंने सफलता की अपनी परिभाषा खुद लिखी।
ट्विंकल खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1973 को हुआ। यह दिलचस्प है कि उनके पिता, राजेश खन्ना, भी उसी दिन जन्मे थे। फिल्मों में उनका आना एक विरासत के रूप में था, क्योंकि उनके माता-पिता, राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया, अपने समय के प्रसिद्ध कलाकार रहे।
21 साल की उम्र में, ट्विंकल खन्ना ने फिल्म 'बरसात (1995)' से अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें उनके साथ बॉबी देओल थे। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर औसत सफलता प्राप्त की, लेकिन दोनों ने अपने अभिनय से काफी लोकप्रियता हासिल की। इसी फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ डेब्यू पुरस्कार भी मिला।
इसके बाद, ट्विंकल खन्ना ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें सलमान खान, गोविंदा, शाहरुख खान और आमिर खान जैसे बड़े सितारों के साथ अभिनय किया। हालांकि, वे अपने पिता की तरह फिल्मों में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाईं। उन्होंने 'जब प्यार किसी से होता है', 'मेला', 'बादशाह' और 'जोरू का गुलाम' जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन वे दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में असफल रहीं।
फिल्मों से दूरी बनाने का निर्णय उनके लिए आत्म-खोज का परिणाम था, न कि असफलता का। ट्विंकल ने समझा कि उन्हें कहानी सुनाना पसंद है, बजाय इसके कि वे किसी और की लिखी कहानी का हिस्सा बनें। इस समझ ने उन्हें लेखन की ओर मोड़ दिया। उनके कॉलम के माध्यम से उनकी लेखन प्रतिभा को पहचान मिली और वे लेखिका बन गईं, जो उनकी बचपन से रुचि थी।
जनवरी 2001 में अक्षय कुमार से विवाह के बाद, ट्विंकल खन्ना ने फिल्मों से दूरी बना ली। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने करियर में असफलता का कोई पछतावा नहीं है। इसके बाद, उन्होंने अपने लेखन को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया। उनकी किताबें 'मिसेज फनीबोन्स' और 'द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद' ने उन्हें काफी प्रसिद्धि दिलाई।
उनके लेखन ने हल्के-फुल्के अंदाज में गहरे सवाल उठाए, जैसे महिलाओं की भूमिका, पारिवारिक रिश्ते और समाज की विसंगतियां। इसी कारण वे 'मिसेज फनीबोन्स' के नाम से जानी जाती हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुझे बड़ी उम्र की महिलाएं बहुत पसंद हैं। जैसे-जैसे दुनिया उन्हें भुलाने लगती है, वे मेरे लिए और भी दिलचस्प हो जाती हैं।"
उनकी पसंदीदा किताब 'वेलकम टू पैराडाइज' है, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने कहा, "यह किताब मैंने बिना किसी समझौते के लिखी है। मैंने इसे अपने जीवन के उस मोड़ पर लिखा, जब मुझे लगा कि मैं अकेलेपन, मौत, उम्र और जीवन की जटिलताओं का सामना कर सकती हूं।"
अपनी पहली किताब 'मिसेज फनीबोन्स' के दस साल बाद, ट्विंकल खन्ना ने इसका सीक्वल 'मिसेज फनी फनीबोन्स रिटर्न्स' भी पेश किया।