×

चित्रांगदा सिंह: कम काम, लेकिन गहरी छाप छोड़ने वाली अदाकारा

चित्रांगदा सिंह, बॉलीवुड की एक ऐसी अदाकारा हैं जिन्होंने कम काम करके भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने हाल ही में 'रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स' जैसी फिल्मों में काम किया है, जहां उनके किरदार को सराहा गया। चित्रांगदा का मानना है कि किसी किरदार का प्रभाव उसके स्क्रीन टाइम से अधिक महत्वपूर्ण होता है। जानें उनके करियर के बारे में और कैसे उन्होंने गुणवत्ता को प्राथमिकता दी है।
 

चित्रांगदा का अनोखा सफर


मुंबई, 29 दिसंबर। बॉलीवुड में एक कलाकार की सफलता का आकलन अक्सर उसकी फिल्मों की संख्या, स्क्रीन पर उपस्थिति और चर्चा में रहने की क्षमता से किया जाता है। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं, जो अपनी अनोखी पहचान बनाते हैं। वे भले ही कम काम करते हैं, लेकिन उनका काम दर्शकों के दिलों में लंबे समय तक बना रहता है।


चित्रांगदा सिंह ऐसे ही कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने हमेशा गुणवत्ता को प्राथमिकता दी है। वर्ष 2025 उनके लिए विशेष रहा, जिसमें उन्होंने 'हाउसफुल 5', 'परिक्रमा' और 'रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स' जैसे विविध प्रोजेक्ट्स में काम किया।


आईएएनएस से बातचीत में चित्रांगदा ने कहा, ''हालांकि मेरा फिल्मी सफर बहुत लंबा नहीं रहा, लेकिन मुझे खुशी है कि दर्शकों ने मेरे काम को याद रखा है। मेरा मानना है कि किसी किरदार का प्रभाव उसके स्क्रीन टाइम से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है।''


अपने किरदारों के चयन के बारे में बात करते हुए चित्रांगदा ने कहा, ''अब इंडस्ट्री में यह समझ बढ़ रही है कि केवल अधिक काम करना ही सब कुछ नहीं है। कभी-कभी एक छोटा सा दृश्य या सीमित स्क्रीन टाइम वाला किरदार भी दर्शकों के दिल में गहरी छाप छोड़ सकता है।''


उन्होंने आगे कहा, "सिर्फ अच्छा काम करना ही काफी नहीं है। एक कलाकार के लिए फैंस के बीच अपनी उपस्थिति बनाए रखना भी आवश्यक है। अच्छा काम और दर्शकों तक पहुंच के बीच संतुलन होना चाहिए। इसलिए ऐसे रोल मिलने जरूरी हैं, जिन्हें लोग याद रखें। लेकिन वही काम टिकता है, जिसमें सच्चाई और गहराई हो।"


हाल ही में प्रदर्शित फिल्म 'रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स' में चित्रांगदा के अभिनय की काफी सराहना हुई।


चित्रांगदा ने कहा, ''मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैंने जो भी काम किया है, उसे लोगों ने सराहा है। अच्छा काम लंबे समय तक अवसर देता है और कलाकार को स्थायी पहचान प्रदान करता है।''


उन्होंने महिला किरदारों के चित्रण पर भी चर्चा की, यह कहते हुए कि अक्सर फिल्मों में महिलाओं को कमजोर या चालाक के रूप में दिखाया जाता है। लेकिन इस फिल्म ने महिलाओं को अधिक वास्तविक और संतुलित तरीके से प्रस्तुत किया है।