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क्या है लूलिया वंतूर का बॉलीवुड डेब्यू? जानें दीपक तिजोरी के साथ उनके अनुभव

रोमानियाई गायिका लूलिया वंतूर ने बॉलीवुड में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की है, जिसमें उन्होंने दीपक तिजोरी के साथ 'इकोज ऑफ अस' में काम किया है। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और सलमान खान के परिवार के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बताया। लूलिया ने भारतीय संगीत के प्रति अपने प्यार और नए देश में अपने अनुभवों के बारे में भी चर्चा की। जानें उनके विचार और आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में।
 

लूलिया वंतूर का एक्टिंग डेब्यू


मुंबई, 6 दिसंबर। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान की करीबी दोस्त और रोमानियाई गायिका लूलिया वंतूर ने हाल ही में दीपक तिजोरी के साथ शॉर्ट ड्रामा 'इकोज ऑफ अस' में अपने अभिनय की शुरुआत की।


लूलिया ने एक इंटरव्यू में दीपक तिजोरी के साथ अपने अनुभव, सलमान खान के परिवार के साथ अपने संबंधों और भविष्य की परियोजनाओं पर चर्चा की।


उन्होंने कहा, "दीपक तिजोरी एक बेहतरीन इंसान और अद्भुत अभिनेता हैं। उनके साथ काम करना एक शानदार अनुभव रहा। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा।"


इसके अलावा, लूलिया ने बताया कि 'इकोज ऑफ अस' में उन्होंने एक भारतीय गायक के साथ एक लव सॉन्ग गाया है और उनके कई गाने जल्द ही रिलीज होने वाले हैं।


हाल ही में, लूलिया ने सलमान खान के पिता सलीम खान के जन्मदिन पर उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं दी थीं। उन्होंने कहा, "सलीम साहब एक अद्भुत इंसान हैं। उनके साथ बिताया हर पल कुछ नया सिखाता है। मेरा परिवार दूर है, इसलिए वे मेरे लिए परिवार जैसे हैं।"


जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें रोमानिया में अपने सफल करियर को छोड़ने का पछतावा है, तो उन्होंने कहा, "मैं अपने जीवन से कुछ भी नहीं छोड़ना चाहूंगी, क्योंकि नया देश आपको अपनी सीमाओं से बाहर निकालता है। आपको खुद को फिर से पहचानना पड़ता है। मैंने रोमानिया में एक सफल करियर बनाया था, लेकिन जिंदगी ने मुझे एक नया रास्ता दिखाया। नई भाषा में गाना और परफॉर्म करना मेरे लिए एक नया अनुभव है।"


उन्होंने आगे कहा, "हर भाषा की अपनी आत्मा होती है। संगीत संस्कृति की जड़ है। भारतीय संगीत मेरे लिए इंद्रधनुष की तरह है, जो रंगों, सुरों और भावनाओं से भरा हुआ है। हिंदी संगीत सीखकर मैं एक बेहतर इंसान बनी हूं।"


जब उनसे पूछा गया कि क्या पोप के सामने गाना प्रदर्शन था या प्रार्थना, तो लूलिया ने उत्तर दिया, "सच कहूं तो यह तीनों का मिश्रण था - प्रदर्शन, संस्कृति का प्रदर्शन और प्रार्थना।"