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क्या भारतीय कहानियाँ अब वैश्विक स्तर पर चमक रही हैं? श्वेता त्रिपाठी का अनमोल दृष्टिकोण

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भारतीय कहानियों की वैश्विक पहचान और समाज में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे समानता, मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं की स्थिति जैसे मुद्दे अब मुख्य बातचीत का हिस्सा बन गए हैं। श्वेता ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के प्रभाव और महिलाओं की सफलता के बढ़ते प्रभाव पर भी जोर दिया। जानें उनके विचार और भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान के बारे में।
 

श्वेता त्रिपाठी का इंटरव्यू: भारतीय कहानियों की वैश्विक पहचान


मुंबई, 28 दिसंबर। बॉलीवुड और डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानी-मानी अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में 2025 की अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और विचारों को साझा किया।


उन्होंने बताया कि भारतीय कहानियों और कलाकारों की पहचान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। इसके साथ ही, समानता, मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं की स्थिति जैसे मुद्दे अब समाज की मुख्य चर्चा का हिस्सा बन चुके हैं। यह बदलाव न केवल मनोरंजन उद्योग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।


श्वेता ने कहा, ''मुझे गर्व है कि अब लोग समानता, मानसिक स्वास्थ्य और समावेशिता जैसे मुद्दों को गंभीरता से समझने लगे हैं। पहले ये बातें कुछ लोगों तक ही सीमित थीं, लेकिन अब ये रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा बन गई हैं। लोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हो रहे हैं। यह बदलाव लंबे समय से आवश्यक था, जिससे समाज में सहानुभूति और समझ बढ़ेगी।''


उन्होंने आगे कहा, ''भारतीय कहानियाँ अब विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। चाहे वह फिल्मों के माध्यम से हो, कला के जरिए, या हमारी संस्कृति के माध्यम से, अब भारत की रचनात्मकता को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।''


श्वेता ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ''नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो और अन्य प्लेटफॉर्म्स ने भारतीय कलाकारों और कहानियों को वैश्विक स्तर पर पेश करने के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं। यह व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से प्रेरणादायक है। जब आप देखते हैं कि दुनिया भर के लोग आपकी कला को पसंद कर रहे हैं, तो यह आपको और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। यह आपको हर चुनौतीपूर्ण दिन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इस बदलाव ने न केवल कलाकारों को, बल्कि दर्शकों को भी नई चीजों की सराहना करने के लिए प्रेरित किया है।''


श्वेता ने महिलाओं और युवा लड़कियों की सफलता के बढ़ते प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ''अब महिलाएं और युवा लड़कियां हर क्षेत्र में पुरानी सोच और रूढ़ियों को चुनौती दे रही हैं। खेल, विज्ञान, राजनीति और कला सभी क्षेत्रों में महिलाएं नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।''


उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ''भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की सफलता इस बदलाव की स्पष्ट मिसाल हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट के कारण इन कहानियों की पहुंच बहुत बढ़ गई है और अब हर कोई देख सकता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। यह बदलाव न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है, जो पुराने विचारों को बदलने में मदद करता है।''