क्या आप जानते हैं अमिताभ बच्चन ने कैसे मौत को मात दी? जानिए उनकी जिंदगी का वो खतरनाक पल!
अमिताभ बच्चन: एक ब्रांड और जीवित किंवदंती
बॉलीवुड के दिग्गज अमिताभ बच्चन का नाम केवल एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में भी लिया जाता है। हिंदी सिनेमा में 56 वर्षों से राज कर रहे बिग बी आज भी सक्रिय हैं और अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाए हुए हैं। उम्र के नौवें दशक में भी उनकी फिल्मों का जादू बरकरार है, और उनका जुनून, ऊर्जा और समर्पण आज भी देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि उनके जीवन में एक ऐसा क्षण भी आया था जब उन्होंने मौत के करीब जाकर खुद को बचाया था?
‘कुली’ के सेट पर हुआ भयानक हादसा
1982 में, फिल्म ‘कुली’ के सेट पर एक गंभीर दुर्घटना हुई थी। बेंगलुरु में फिल्म की शूटिंग के दौरान, एक फाइट सीन के दौरान अभिनेता पुनीत इस्सर के मुक्के से अमिताभ गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में उनकी आंत फट गई, जिससे उनकी स्थिति बेहद नाजुक हो गई।
तीन दिन तक दर्द सहते रहे, चौथे दिन कोमा में चले गए
इस दुर्घटना के बाद, अमिताभ बच्चन तीन दिन तक दर्द और चोटों से जूझते रहे, लेकिन चौथे दिन उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वे कोमा में चले गए। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने के लिए उन्हें तुरंत बेंगलुरु से मुंबई भेजने का निर्णय लिया। इस बीच, यह खबर भी आई कि अमिताभ क्लिनिकली डेड हो चुके हैं। लेकिन ‘सदी के महानायक’ ने मौत को भी मात दे दी।
8 घंटे तक चला जिंदगी बचाने वाला ऑपरेशन
मुंबई पहुंचने पर डॉक्टरों ने पाया कि उनकी टांके खुल गए हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। इसके बाद उनका एक और ऑपरेशन किया गया, जो लगभग 8 घंटे तक चला। इस लंबे ऑपरेशन के बाद ही अमिताभ बच्चन को नया जीवन मिला।
अस्पताल में भर्ती और अंततः घर वापसी
ब्रीच कैंडी अस्पताल में कई दिनों तक भर्ती रहने के बाद, अमिताभ बच्चन ने 24 सितंबर 1982 को अस्पताल से छुट्टी ली और घर लौटे। इस घटना ने न केवल बॉलीवुड को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था। उनके लिए देशभर से दुआओं का दौर चला।
आज भी बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन की है अलग पहचान
आज भी जब बॉलीवुड में कई सितारे आते-जाते रहते हैं, अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता और सक्रियता बरकरार है। कई स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद उनकी अभिनय के प्रति लगन कम नहीं हुई है। चार दशकों से अधिक समय पहले हुए इस हादसे से उबरकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्चा कलाकार मौत से भी बड़ा होता है।