क्या है अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस? जानें इसके महत्व और इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस 2025

Mine Awareness Day (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Mine Awareness Day (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस हर साल 4 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन विश्वभर में खदानों और विस्फोटक अवशेषों के खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को खदान मुक्त दुनिया की दिशा में कदम उठाने के लिए घोषित किया है।
खदानों का महत्व और खतरे
इस दिवस का उद्देश्य केवल खदानों को हटाना नहीं है, बल्कि एक ऐसी दुनिया बनाना है जहाँ युद्ध के बाद भी निर्दोष नागरिक सुरक्षित रह सकें। खदानों की समस्या का समाधान वैश्विक सहयोग से ही संभव है।
खदानें क्या हैं?
खदानें विस्फोटक उपकरण होती हैं, जो जमीन में छिपाई जाती हैं और आम नागरिकों, सैनिकों या वाहनों के संपर्क में आने पर विस्फोट कर सकती हैं। ये दशकों तक सक्रिय रहती हैं और लोगों के लिए खतरा बनी रहती हैं।
खदानों से होने वाले खतरे
मानवीय हानि
खदानें हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती हैं, जिनमें से अधिकांश निर्दोष नागरिक होते हैं।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
खदानों के कारण कृषि भूमि और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोगी क्षेत्र अनुपयोगी हो जाते हैं, जिससे सामाजिक अस्थिरता बढ़ती है।
खदान जागरूकता दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2005 में 4 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसका उद्देश्य खदान उन्मूलन के प्रयासों को समर्थन देना और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुँचाना है।
प्रमुख घटनाएँ
1997: एंटी-कार्मिक माइन बैन कन्वेंशन पर हस्ताक्षर।
2005: अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस की घोषणा।
भारत की भूमिका
भारत ने ओटावा संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन खदानों को हटाने के लिए कई पहल की हैं। भारतीय सेना ने कई खदान निष्कासन अभियान चलाए हैं और मानवीय सहायता अभियानों में भाग लेती है।