"साथ निभाना साथिया" की कोकिला बेन, जो अपनी बहू पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखती थी।
"पवित्र रिश्ता" की सविता ताई, जिन्होंने अर्चना की नाक में दम किया।
"दिया और बाती" की भाभो, जोने पहले संध्या पर नियंत्रण बनाए रखा था।
"बालिका वधु" की दादी सा, जो सबको अपने इशारों पर नचाती थीं।
"पांड्या स्टोर" की सास सुमन, जो सभी को डरा कर रखती थी।
"क्योंकि सास भी कभी बहू थी" में सविता, जो शुरूआत में खड़ूस थीं।
"हरियाणा" के कन्या भ्रण हत्या मुद्दे में सराहनीय रोल निभाने वाली अम्मा जी।