जीन टियरनी: हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत महिला की दर्दनाक कहानी
जीन टियरनी का जीवन: एक चमकती हुई मुस्कान के पीछे की सच्चाई
नई दिल्ली, 5 नवंबर। कभी-कभी एक चमकदार मुस्कान के पीछे गहरी उदासी छिपी होती है। हॉलीवुड की अभिनेत्री जीन टियरनी इस बात का जीवंत उदाहरण हैं। उन्हें 1940 के दशक में 'हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत महिला' का खिताब मिला, लेकिन उनकी निजी जिंदगी एक दुखद कहानी बन गई।
जीन टियरनी का जन्म 19 नवंबर 1920 को ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क में हुआ। बचपन से ही उनकी खूबसूरत आंखें और अदाएं लोगों को आकर्षित करती थीं। 1940 के दशक में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और जल्द ही वह उस समय की सबसे चर्चित अदाकारा बन गईं। उनकी फिल्म 'लौरा' (1944) ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। वह रहस्यमयी सुंदरता की प्रतीक बन गईं, जिनके चेहरे पर शांति थी लेकिन आंखों में रहस्य। इसके बाद 'लीव हर टू हेवन' और 'द गोस्ट एंड मिसेज म्यूर' जैसी फिल्मों ने उन्हें अभिनय के शिखर पर पहुंचा दिया।
हालांकि, इस सफलता के पीछे एक व्यक्तिगत त्रासदी छिपी थी जिसने उनकी आत्मा को झकझोर दिया।
1943 में, जब जीन गर्भवती थीं, उन्होंने सैनिकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। वहां एक प्रशंसक उनसे मिलने आई, जो रूबेला से संक्रमित थी, लेकिन टियरनी को इसका पता नहीं चला। यह संक्रमण उनके शरीर में फैल गया और कुछ महीनों बाद उनकी बेटी डारिया का जन्म हुआ, जो गंभीर मानसिक और शारीरिक विकलांगता के साथ पैदा हुई।
डॉक्टरों ने बताया कि डारिया कभी सामान्य रूप से सुन या बोल नहीं सकेगी। यह सुनकर जीन टियरनी के लिए यह एक बड़ा सदमा था। हॉलीवुड की चकाचौंध के बीच, वह हर दिन अपनी बच्ची के दर्द से जूझती रहीं। उनका करियर जारी रहा, लेकिन वह भीतर से टूट चुकी थीं।
धीरे-धीरे वह गहरे अवसाद में चली गईं। कई बार उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और उन्होंने इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ईसीटी) जैसे दर्दनाक उपचार भी झेले। उन्होंने अपनी दर्दनाक दास्तां आत्मकथा 'सेल्फ पोट्रेट' (1979) में साझा की। उन्होंने लिखा, "मैंने अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल को एक दुःस्वप्न में बदलते देखा, जिससे मैं कभी नहीं जाग पाई।"
जीन टियरनी ने अपनी बेटी के लिए सब कुछ किया, लेकिन मातृत्व की खुशी को फिर कभी नहीं महसूस कर सकीं।
1950 के दशक के बाद, उन्होंने धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली। हॉलीवुड से दूर, उन्होंने दुनिया से छिपकर जीवन बिताना शुरू किया।
उनकी कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है, जिसमें सुंदरता, प्रसिद्धि, और मानसिक बीमारी की छाया में जीता एक अकेला जीवन दिखता है। 6 नवंबर 1991 को, 70 वर्ष की उम्र में, यह खूबसूरत अदाकारा दुनिया को अलविदा कह गईं।
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