शहजाद खान: भारतीय सिनेमा के बहुआयामी अभिनेता की अनकही कहानी
शहजाद खान का फिल्मी सफर
मुंबई, 24 अक्टूबर। शहजाद खान, भारतीय फिल्म और टेलीविजन के एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपने करियर में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाकर दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है। चाहे वह हास्य दृश्य हो, पुलिस का किरदार, इंस्पेक्टर या फिर खलनायक का सहायक, शहजाद हर भूमिका में अपनी अनोखी शैली के साथ नजर आते थे। उनकी अभिनय क्षमता यह दर्शाती है कि किसी भी किरदार को जीवंत करने के लिए केवल लीड रोल की आवश्यकता नहीं होती। यही कारण है कि दर्शक उन्हें फिल्मों में देखते ही पहचान लेते थे और उनकी हर भूमिका को याद रखते थे।
शहजाद खान का जन्म 25 अक्टूबर 1966 को मुंबई में हुआ। उनके पिता, अजीत खान, बॉलीवुड के जाने-माने खलनायक रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रभावशाली अभिनय और संवाद अदायगी से हिंदी सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी। शहजाद का बचपन का एक हिस्सा हैदराबाद में बीता, और उनके पिता की फिल्म इंडस्ट्री में पहचान ने उन्हें इस दुनिया से परिचित कराया, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से अलग पहचान बनाई।
शहजाद ने अपने करियर की शुरुआत 1988 में फिल्म 'कयामत से कयामत तक' से की। उस समय उनका रोल छोटा था, लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग और स्वाभाविक अभिनय ने दर्शकों का ध्यान खींचा। शुरुआती दिनों में उन्होंने अक्सर सहायक भूमिकाएं निभाईं, लेकिन उनकी हर भूमिका में जीवन और ऊर्जा का संचार होता था। यही कारण है कि उन्हें छोटे रोल में भी याद रखा गया।
1994 में, शहजाद खान ने फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में भल्ला का किरदार निभाया, जिसमें उनकी कॉमिक टाइमिंग और शक्ति कपूर के साथ की जोड़ी ने दर्शकों को खूब हंसाया। इस फिल्म के बाद, उन्हें हास्य और सहायक किरदारों के लिए और अधिक पहचान मिली। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 'इत्तेफाक' (2001), 'श्रीमान ब्लैक श्रीमान व्हाइट' (2008) और 'भारत' (2019) जैसी फिल्मों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
शहजाद केवल फिल्मों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने टेलीविजन में भी अपनी पहचान बनाई। विशेष रूप से बच्चों के शो 'शाका लाका बूम बूम' में टाइगर के किरदार के लिए वह बेहद लोकप्रिय हुए। उनके किरदारों में हमेशा हास्य, ऊर्जा और सहजता होती थी, जिससे दर्शक उनसे जुड़ाव महसूस करते थे। इसके अलावा, उन्होंने म्यूजिक एल्बम 'असली लोइन मिक्स' भी लॉन्च किया और 2010 में फिल्म 'फंडा अपना अपना' का निर्माण किया, हालांकि यह कभी रिलीज नहीं हुई।
शहजाद की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने हर प्रकार की भूमिका निभाई। वह हर किरदार में जीवंत और यादगार बने। उनका यह बहुआयामीपन उन्हें अन्य कलाकारों से अलग करता है।